सौर ऊर्जा प्राकृतिक प्रकाश के साथ जीने का एक सशक्त माध्यम है: केशव प्रसाद मौर्य

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा (Solar Energy) को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) की अध्यक्षता में आजीविका मिशन और एशिया की अग्रणी संस्था काउंसिल फार एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड और क्लीन के साथ उ.प्र. ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में एमओयू हस्ताक्षर से संबंधित कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री द्वारा विद्युत सखी पोर्टल का शुभारम्भ भी किया गया। इस अवसर पर आजीविका मिशन तथा एशिया की अग्रणी संस्था काउंसिल फार एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड और क्लीन के साथ अलग-अलग उ.प्र. ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में एमओयू हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को विस्तारित करने के लिए प्रेरणा ओजस के अन्तर्गत किये जा रहे एमओयू से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के साथ ही आर्थिक उन्नति का रास्ता भी प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ ही प्रकृति द्वारा उत्पादित खनिज सम्पदा की रक्षा भी होगी। मौर्य ने कहा कि जिन संस्थाओं के साथ एमओयू हो रहा है, वह देश की अग्रणी संस्थाएं हैं जो सौर ऊर्जा को विस्तारित करते हुए आमजन को इसके प्रयोग के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से जहां बिजली की खपत कम होगी, वहीं आम जनमानस को प्राकृतिक रूप से उत्पन्न किए गए प्रकाश का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा प्राकृतिक प्रकाश के साथ जीने का एक सशक्त माध्यम है।

स्वरोजगार में बढ़ोत्तरी होगी
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इस एमओयू से ग्रामीण महिलाओं को विशेषकर आजीविका मिशन से जुड़ी दीदियों के स्वरोजगार में बढ़ोत्तरी होगी और इससे इनका सामाजिक विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्वरोजगार कार्यक्रमों का संवर्धन किया जाता है। उन्होंने कहा कि अब स्वयं सहायता समूह की दीदियां एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अपने आपको ओजस उद्यमी के रूप में विकसित होकर मजबूत राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा सौर ऊर्जा से संचालित उपकरणों को बनाने में दक्ष होते हुए एलईडी बल्ब, बीएलडीसी पंखें व ट्यूबलाइट्स इत्यादि को निर्मित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गांव-गांव में सौर ऊर्जा को पहुंचाया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि आजीविका मिशन द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणा ओजस के अन्तर्गत 826 ब्लाकों में प्रेरणा ओजस शॉप स्थापित किया जाएगा और साथ ही एसम्बली सेंटर भी स्थापित किया जाएगा, ताकि सौर ऊर्जा के उत्पादों में किसी प्रकार की खराबी आने पर उसे स्थानीय स्तर पर ही ठीक किया जा सके।

विद्युत सखी पोर्टल का शुभारम्भ
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने विद्युत सखी पोर्टल का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से विद्युत सखियों को एक ही प्लेटफार्म से कई कार्यों को करने में सुलभता होगी। पोर्टल के माध्यम से विद्युत सखियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रतिदिन प्रगति की समीक्षा भी हो सकेगी। इसके माध्यम से विद्युत सखी अपने प्रत्येक दिवस के कार्यों की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगी। विद्युत सखियों द्वारा अभी तक 169 करोड़ रुपए बिजली का बिल जमा कराया गया इस कार्य से विद्युत सखियों को योजना के आरम्भ से अब तक 2.36 करोड़ रुपए का लाभ मिल चुका है।

होगी बिजली की बचत
उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाएं पूरे प्रदेश में सौर शक्ति का प्रतीक बनेंगी। सौर ऊर्जा आदर्श ऊर्जा का स्रोत है जो शुद्ध वातावरण के साथ ही साथ पारम्परिक ईंधन को भी बचाता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों में भी सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाएगा इससे बिजली के बचत के साथ ही महिलाओं को आर्थिक लाभ भी होगा। राज्य मंत्री ग्राम्य विकास, विजय लक्ष्मी गौतम ने विश्वास व्यक्त किया कि निश्चित रूप से इस एमओयू के दूरगामी परिणाम हासिल होंगे और विकास में और अधिक रफ्तार आयेगी।

विभिन्न उत्पादों की बिक्री की जाएगी
इस अवसर पर मिशन निदेशक भानु चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि काउंसिल फार एनर्जी एनवायरमेंट एण्ड वाटर (सीईईडब्लू) एशिया की अग्रणी संस्थानों में से एक है जो सौर ऊर्जा के उपकरणों को आमजनता को उपलब्ध कराती है। इस संस्था के सहयोग से प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के अन्तर्गत आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा से संचालित होने वाले विभिन्न उत्पादों की बिक्री की जाएगी। इसके लिए सीईईडब्लू द्वारा एक चेन भी विकसित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विलग्रो संस्था सौर ऊर्जा के लिए इक्यूबेशन के माध्यम से मूलभूत सहायता तथा तकनीकी सपोर्ट प्रदान करने वाला भारत का सबसे बड़ा संस्थान है। विलग्रो न अब तक 279 से अधिक सामाजिक उद्यमों को आत्मनिर्भर किया है। इस संस्था के द्वारा सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए स्वयं सहायता से जुड़ी महिलाओं को सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले उपकरणों को विकसित करने में तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा और उद्यमों की स्थापना और आत्मनिर्भर होने तक सहायता प्रदान की जाएगी। इस संस्था द्वारा सौर ऊर्जा के आर्थिक गतिविधियों के बारे में भी महिलाओं को जानकारी दी जाएगी।

तकनीकी मदद दी जाएगी
गोस्वामी ने बताया कि क्लीन संस्था ओजस कार्यक्रम के लिए सेतु की भूमिका निभायी जाएगी। इस संस्था द्वारा स्वयं सहायता समूह की दीदियों को प्रदेश में सोलर उत्पादक के रूप में विकसित करने के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा और इनके द्वारा ओजस शॉप की स्थापना के लिए तकनीकी मदद दी जाएगी। उन्होंने बताया कि क्लीन संस्था अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र के एकीकरण और विकास के लिए कार्य कर रही है। इस संस्था द्वारा स्वयं सहायता समूह को विकेन्द्रित ऊर्जा उपकरणों के प्रसार हेतु जनपद स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए विकास खण्ड स्तर पर कार्यशालाओं को आयोजन कर आमजनता को सौर ऊर्जा से संचालित उपकरणों को प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मिशन निदेशक ने बताया कि एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के 4 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की एक संयुक्त उद्यम कम्पनी है, जिसके द्वारा उजाला योजना के तहत सोलर ऊर्जा से संचालित होने वाले बल्ब, ट्यूब लाइट, पंखा इत्यादि को निर्मित किया जाता है। इस संस्था के द्वारा स्वयं सहायता समूह की दीदियों को विभिन्न उपकरणों को बनाने और सौर ऊर्जा के उत्पादों को विक्रय करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

प्रत्येक ब्लाकों में ओजस शॉप की स्थापना
उन्होंने बताया कि जिन संस्थाओं से आज एमओयू हो रहा है वे संस्थाएं सौर ऊर्जा को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और इनके द्वारा सौर ऊर्जा के विभिन्न उपकरणों के प्रयोग और विक्रय पर कार्य किया जा रहा है। इन संस्थाओं के अनुभवों तथा इनकी दक्षता से अब स्वयं सहायता समूह की दीदियां दक्ष होकर प्रत्येक ब्लाकों में ओजस शॉप की स्थापना करते हुए सौर ऊर्जा के प्रयोग को गांव-गांव तक पहुंचाएंगी।

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