राम मंदिर में तैनात जवान की गोली लगने से मौत, VIP गेट के पास था तैनात

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अयोध्या : अयोध्‍या में राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात स्‍पेशल सिक्योरिटी फोर्स के एक जवान की संदिग्‍ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। गोली कैसे लगी यह अभी तक साफ नहीं है। सूचना पर आईजी-एसएसपी सहित पुलिस के कई आला अफसर मौके पर पहुंचे हैं।

पुलिस ने शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। बताया जा रहा है कि जवान अंबेडकर नगर का रहने वाला था। बुधवार की सुबह-सुबह अचानक गोली चलने की आवाज से श्री राम जन्‍म भूमि परिसर में हड़कंप मच गया। फिलहाल कुछ भी पुख्‍ता तौर पर नहीं कहा जा रहा। जवान की मौत की खबर पहुंचते ही उनके घर में कोहराम मच गया।

जवान का नाम शत्रुघ्न विश्वकर्मा था। उसकी उम्र 25 साल के करीब बताई जा रही है। गोली चलने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे साथी सुरक्षाकर्मियों ने उसे वहां खून से लथपथ हाल में देखा तो आनन-फानन में अस्‍पताल लेकर पहुंचे। वहां से घायल जवान को ट्रामा सेंअर रेफर कर दिया गया जहां डॉक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जवान की मौत की सूचना से राम मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया है। अयोध्‍या के आईजी और एसएसपी सहित पुलिस के तमाम बड़े अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को भी वहां बुला लिया है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्‍थल पर जांच पड़ताल की। कुछ मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक जवान के कुछ साथियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से वह परेशान चल रहा था। घटना से पहले वह मोबाइल देख रहा था। पुलिस ने शत्रुघ्न के मोबाइल को भी जांच के लिए भेज दिया है।

शत्रुघ्न विश्वकर्मा को स्‍पेशल सिक्‍योरिटी फोर्स (एसएसएफ) में 2019 में ही नौकरी मिली थी। अंबेडकर नगर के थाना सम्‍मनपुर के कजपुरा गांव का रहने वाला शत्रुघ्न राम मंदिर परिसर में तैनात था। एसएसएफ का गठन चार साल पहले योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने मंदिरों की सुरक्षा के लिए किया था। शत्रुघ्न की मौत की खबर मिलने के बाद से अंबेडकर नगर में उसके परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्‍हें यकीन ही नहीं हो रहा कि शत्रुघ्न अब इस दुनिया में नहीं है।

राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात एक और जवान को तीन महीने पहले गोली लगी थी। उस मामले में जवान की अपनी गलती से गोली चल गई थी। बताया गया था कि बंदूक साप करते समय गलती से ट्रिगर दब गया था और गोली जवा को लग गई थी।

प्लाटून कमांडर के ऑपरेशन के दौरान मेडिकल कॉलेज परिसर छावनी में तब्दील रहा। आईजी प्रवीण कुमार, सीआरपीएफ कमांडेंट छोटेलाल, एसएसपी राजकरन नय्यर समेत पुलिस के अन्य अधिकारी स्वयं मौजूद रहे। उनके साथ काफी संख्या में पुलिस, पीएसी व सीआरपीएफ के जवान भी डटे रहे। वहीं, ऑपरेशन के दौरान सीएमओ डॉ. संजय जैन, प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार व सीएमएस डॉ. अरविंद सिंह भी मौजूद रहे।

श्रीराम मंदिर परिसर के हाई सिक्योरिटी जोन में अचानक गोली चलने की आवाज से परिसर में हलचल मच गई। श्रद्धालु भी इससे भयभीत हो गए। हालांकि, अन्य जवानों ने सक्रियता दिखाकर उन्हें समझा-बुझाकर मामले से अवगत कराया, अन्यथा भगदड़ भी मच सकती थी।

सूत्रों के अनुसार मूलरूप से अमेठी निवासी प्लाटून कमांडर रामप्रसाद लगभग एक वर्ष पहले लखनऊ से अयोध्या संबद्ध किए गए थे। उनका परिवार अभी भी लखनऊ में ही रहता है। हादसे के बाद परिजनों को भी सूचित किया गया है।

अपने ही शस्त्र से गोली चलने से पीएसी के प्लाटून कमांडर रामप्रसाद घायल हो गए हैं। उन्हें मेडिकल कॉलेज से लखनऊ रेफर किया गया है। वह परिसर के भीतर बनी चौकी में अन्य जवानों के साथ तैनात थे।

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