लखनऊ: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित बयानबाजी करने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बचाव में अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आ गए हैं। मैनपुरी में उन्होंने कहा कि भगवान राम और रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं है.. कल मैं मंदिर गया तो RSS-BJP के गुंडे आ गए। हमें पता होता BJP गुंडे भेजने वाली है तो हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ आते। काला झंडा जब समाजवादी दिखाते हैं तो उन्हें 1 साल के लिए जेल भेजा जाता है।
अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी में अहम पद देकर एक बड़ा राजनीतिक खेल (political game) कर दिया है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक फैसले ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में मचे घमासान को और तेज कर दिया है। रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों के बीच सपा अध्यक्ष ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की है। इसमें स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव का पद दे दिया गया। पिछले कुछ दिनों से स्वामी प्रसाद रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में चौतरफा घेरे गए हैं।
बता दें कि 2022 चुनाव को लेकर सपा तैयरियों में जुट गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के उन शीर्ष 14 नेताओं में शामिल हो गए हैं, जिन्हें यह पद दिया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चाचा शिवपाल यादव को भी जगह दी है।