दिवंगत सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने समाजवादी पार्टी द्वारा गुलशन यादव को कुंडा सीट से उम्मीदवार बनाने का विरोध जताया है. दरअसल, 2013 में यूपी के जिला प्रतापगढ़ के कुंडा में तैनात सीओ की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप गुलशन यादव पर लगा था. इतना ही नहीं गुलशन के अलावा इस केस में कुंडा के विधायक और पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी नामजद थे. ऐसे में जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने राजा भैया की उम्मीदवारी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता के बीच साफ और निष्पक्ष छवि के लोग होने चाहिए.
सीओ जियाउल हक प्रतापगढ़ के कुंडा में तैनात थे. 2013 में उनकी हत्या कर दी गई थी. हत्या उस समय की गई थी जब वह गांव में विवाद के बाद फैली अराजकता को रोकने के लिए पहुंचे थे. हालांकि इस घटना ने अखिलेश सरकार को हिला कर रख दिया था. रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया को भी मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस मामले में सीबीआई जांच हुई थी. सीबीआई ने रघुराज प्रताप को क्लीन चिट दे दी थी. लेकिन परवीन आजाद ने इस फैसले को इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच में चुनौती दी थी. अब इस मामले में राजा भैया के खिलाफ जांच फिर शुरू की गई है.
सपा ने गुलशन यादव को कुंडा से टिकट दिया है. गुलशन यादव जियाउल हक केस में मुख्य आरोपी हैं. गुलशन पर कई और केस भी दर्ज हैं. उधर, राजा भैया इस सीट से 1993 से विधायक हैं. हालांकि, गुलशन यादव और राजा भैया एक साथ काम करते थे. लेकिन केस के बाद से दोनों अलग-अलग हो गए. अब एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं.डीसीपी की पत्नी परवीन आजाद के मुताबिक, अभी केस बंद नहीं हुआ है और चुनाव में गुलशन यादव जैसे लोग सामने हैं. ऐसे में जनता के बीच साफ छवि के लोगों को होना चाहिए , प्रतापगढ़ की जनता को इस बात का फैसला करना चाहिए कि किसे विधायक बनाया जाए.