बरेली/उत्तर प्रदेश: नफरत भरा भाषण देने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां को रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने सोमवार को नियमित यानी पक्की जमानत दे दी है। खां के वकील जुबैर अहमद ने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरत भरा भाषण देने के मामले में पिछली 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए अदालत ने खां को तीन साल की सजा सुनाई थी। उस वक्त उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई थी। इसी मामले में नियमित जमानत के लिए अदालत से अनुरोध किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस अर्जी पर दोनों पक्षों में बहस हुई और न्यायाधीश आलोक दुबे ने आजम खां को नियमित जमानत दे दी है। अब सत्र अदालत में जब तक यह मामला विचाराधीन रहेगा, इस मामले में खां जमानत पर रहेंगे। गौरतलब है कि सपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरत भरा भाषण देने के आरोप में रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पिछली 27 अक्टूबर को तीन साल कैद की सजा सुनायी थी। हालांकि उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गयी थी। यह फैसला होने के फौरन बाद जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान के तहत उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी और विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया था।
खां ने खुद को मिली तीन साल की सजा को रामपुर जिला एवं सत्र अदालत में बुधवार को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। यह मामला उच्चतम न्यायालय तक भी पहुंचा था। न्यायालय ने विशेष सत्र अदालत को आजम खां की अपील पर 10 नवंबर को फैसला करने के निर्देश दिया था। अपील में खान ने खुद को मिली सजा पर रोक लगाने का आदेश देने का आग्रह किया था ताकि उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल की जा सके। चुनाव आयोग ने रामपुर सदर विधानसभा सीट के उप चुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है। इसके तहत इस सीट के उपचुनाव के लिए आगामी पांच दिसंबर को मतदान होगा।