सपा सांसद एसटी हसन बोले- देश में हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश, कोई महाशक्ति नहीं चाहती कि भारत महाशक्ति बने
मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने कहा कि जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश हो सकती है. हसन ने कहा कि महाशक्तियां चीन और पाकिस्तान भी हिंसा में शामिल हो सकते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने सीआईए, आईएसआई और केजीबी जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों पर भी संदेह जताया है. हसन ने कहा कि अगर सरकार ने भाजपा नेता नुपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की होती तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का अपमान नहीं होता. उन्होंने कहा कि पुलिस मामूली पोस्ट पर ही लोगों को गिरफ्तार करती है, लेकिन नूपुर शर्मा के मामले में कुछ नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नुपुर शर्मा को पार्टी से निकाला तक नहीं, सिर्फ उन्हें सस्पेंड किया गया है. ये सब नहीं होता अगर नूपुर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया जाता. सांसद हसन ने कहा कि हिंसा की साजिश में एआईएमआईएम और पीएफआई का नाम शामिल है, यह कहते हुए कि इन संगठनों का नाम लेना एक परंपरा बन गई है. अगर उनके खिलाफ सबूत मिलते हैं तो उनके खिलाफ बिना किसी झिझक के कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि हमारे देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश हो रही है. दोनों संप्रदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है.
लोगों की गिरफ्तारी को लेकर सांसद ने कहा कि पुलिस निर्दोषों को गिरफ्तार न करे. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में शामिल लोगों को उनके किए की सजा मिलनी चाहिए. अनावश्यक धाराएं लगाकर लोगों को परेशान न करें.
गौरतलब है कि मुरादाबाद में जुमे की नमाज के बाद पुलिस ने विरोध और नारेबाजी करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. शनिवार सुबह तक पुलिस 25 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. सांसद हसन ने कहा कि मुझे संदेह है कि भारत को कमजोर करने के लिए कोई महाशक्ति यहां रहने वाले दो बड़े समुदायों के लोगों को आपस में लड़ा रही है. यह महाशक्ति हमारा पड़ोसी देश भी हो सकता है. वह नहीं चाहते कि भारत महाशक्ति बने.
उन्होंने आगे कहा कि मेरी अपील है कि पुलिस निर्दोषों को गिरफ्तार न करे. दोषियों को ही गिरफ्तार किया जाना चाहिए, जिसने भी ऐसा किया है उसे वही सजा मिलनी चाहिए. कानूनी रूप से जितनी धाराएं बनाई जाती हैं, पुलिस को उतने ही मामलों का इस्तेमाल करना चाहिए. अनावश्यक रूप से करंट लगाकर लोगों को परेशान न किया जाए.