यूपी में विधानसभा उपचुनाव से पहले सपा ने शुरू की ‘नई राजनीति’

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लखनऊ : लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को पीडीए से मिली सफलता के बाद अब उपचुनाव के ठीक पहले पार्टी ने ब्राह्मणों पर फोकस करना शुरू कर दिया है। इसी कारण अब वह ब्राह्मण कार्ड चल रही है। राजनीतिक जानकारों ने बताया कि हाल में ही सपा ने माता प्रसाद पाण्डेय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर ब्राह्मण वोटों को अपने पाले में लाने के प्रयास तेज किए हैं। ब्राह्मण बहुल सीटों में मिली सफलता के बाद सपा की उम्मीदें जगी है। इसी कारण ब्राह्मणों के साथ होनी वाली घटनाओं में सपा का प्रतिनिधिमंडल जा रहा है। राजधानी से सटे बंथरा में हुई घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार से लेकर स्थानीय लोगों को घेरा है।

इसके अलावा ब्राह्मणों के बड़े नेताओं में शुमार दिवंगत पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को सपा ने सोशल मीडिया से लेकर सदन तक उठाया। अब इस कार्यक्रम में पार्टी के दिग्गज नेता शिरकत करने पहुंच रहे हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स के माध्यम से लिखा, “5 अगस्त को हरिशंकर तिवारी की जयंती पर चिल्लूपार, गोरखपुर, में उनकी प्रतिमा के स्थापना समारोह में शामिल होने का आमंत्रण मिला है। पूर्व नियोजित कार्यक्रमों में व्यस्तता के बावजूद उनका इस कार्यक्रम में शामिल होने का पूरा प्रयास रहेगा। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।”

इसके साथ पार्टी ने छोटे लोहिया के नाम से मशहूर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र की जयंती मनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में पार्टी ने सभी जिला व शहर इकाइयों को निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि यूपी में कुछ समय बाद होने वाले विधानसभा उपचुनाव में सपा ने ब्राह्मण कार्ड खेलकर एक नया दांव चला है। इस रणनीति को पार्टी ने टेस्ट के तौर पर अपनाने का निर्णय लिया है। अगर सफलता मिली तो 2027 में इसे जारी रखा जा सकता है।

सपा आने वाले समय में माता प्रसाद पाण्डेय को ब्राह्मण आईकॉन के रूप में प्रस्तुत कर जिले में उनका कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। सपा अब पीडीए (पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक) के साथ ब्राह्मणों पर भी फोकस कर रही है। सपा प्रवक्ता पूजा शुक्ला का कहना है कि सपा सभी वर्ग को आगे लेकर चलती है। जो पीडीए का फॉर्मूला था, उसमें पीड़ित शोषित और पिछड़े-अगड़े भी शामिल हैं। बड़ी संख्या में सपा से ब्राह्मण जुड़े हैं। पूरे राज्य में ब्राह्मणों का शोषण और दमन हो रहा है। जगह-जगह हत्याएं हो रही हैं। सपा पीडीए में जितने पिछड़े को मौका दे रही है। उतने अगड़ों को भी। वह अपने फार्मूले पर कायम है।

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