जम्मू-कश्मीर, हरियाणा के चुनावों में जमीन तलाशेगी सपा

0 87

लखनऊ : लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद अब समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय फलक पर विस्तार के प्रयास में जुटी है। इसके लिए उसने उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की ठानी है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों में उम्मीदवार उतारकर वह दोनों राज्यों में अपनी जमीन तलाशने में जुट गई है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतकर राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाई है। लोकसभा के भीतर संख्या बल के हिसाब से वह देश की तीसरे नंबर की बड़ी पार्टी है। सपा को अखिलेश यादव अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी कारण अभी हाल में जहां भी चुनाव होंगे वह अपने उम्मीदवार जरूर उतारने का प्रयास करेगी। फिलहाल जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव लड़ने की तैयारी है। इसी को लेकर सपा प्रमुख ने अभी 24 अगस्त को जियालाल वर्मा को जम्मू-कश्मीर का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। हालांकि वर्मा पुराने बसपाई हैं। वह 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और जम्मू कश्मीर में लगातार सक्रिय हैं।

जियालाल वर्मा ने बताया कि अब तक विधानसभा चुनाव के लिए 10 आवेदन आ चुके हैं। दो चरण के चुनाव में ही भाग ले सकते हैं। हम आखिरी दो चरणों में होने वाले चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात करके मंथन किया जाएगा इसके बाद उम्मीदवार घोषित होंगे। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन से पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर समझौता है। लेकिन प्रदेश स्तर पर अभी चर्चा चल रही है। उन्होंने बताया कि हमारी कमेटी घोषित होनी है। यहां पर सपा के पुराने कार्यकर्ता बहुत पहले से हैं। चुनाव जरूर लड़ेंगे। लेकिन, अभी सीटें तय नहीं हैं। सियासी जानकर बताते हैं कि सपा की कांग्रेस से भले इस मुद्दे पर कोई बात न हुई हो, लेकिन उसकी नजर जम्मू-कश्मीर की मुस्लिम बहुल सीटों पर है। कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। ऐसे में सपा को केंद्रशासित प्रदेश में गठबंधन में कोई सीट मिलने की संभावना कम है। लेकिन सपा इसके बावजूद चुनाव में ताल जरूर ठोकेगी।

उधर, हरियाणा में भी समाजवादी पार्टी पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। लेकिन वह वहां पर कांग्रेस से गठबंधन चाह रही है। राष्ट्रीय स्तर पर बात भी चल रही है। क्योंकि वहां की सीटें ही कांग्रेस के यूपी उपचुनाव का भविष्य तय करेंगी। सपा के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र भाटी का कहना है कि गठबंधन में सपा ने पांच-छह सीटों की मांग की है। उन्होंने कहा, “अभी हमारी बात चल रही है। अगर गठबंधन नहीं होता तो हम कम से कम 25-30 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।” सपा नेता ने कहा कि हालांकि भूपेंद्र हुड्डा ने गठबंधन के लिए मना किया है, फिर भी केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत हो रही है। एक-दो दिन में फाइनल हो जायेगा। हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी 10 -11सीटों पर चुनाव लड़ने की सूची दी है। भाटी ने बताया कि पार्टी का संगठन हरियाणा में काफी मजबूत है। हर जिले में कमेटी भी है। कार्यकर्ता भी सक्रिय हैं। चुनाव लड़ने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।

पूर्व विधान परिषद के सदस्य और सपा के वरिष्ठ नेता संजय लाठर का कहना है कि कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना चाहिए। गठबंधन की एकता को बरकरार रखने के लिए सपा की मांग पूरी करनी चाहिए। लोकसभा चुनाव में हमने कांग्रेस के लिए बड़ा दिल दिखाया था। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल है। वह यूपी में कई बार सरकार बना चुकी है। इसके साथ ही वह मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र,राजस्थान के अलावा दक्षिण के राज्यों में भी विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा चुकी है। सपा ने मध्य प्रदेश में सबसे अच्छा प्रदर्शन 2003 के चुनाव में था, जब उसके सात विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। महाराष्ट्र में पार्टी काफी साल से चुनाव लड़ती आ रही है। वर्तमान में उसके वहां दो विधायक भी है। इसी कारण अब वह हरियाणा और जम्मू में जमीन की तलाश में जुट गई है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.