नई दिल्ली: वर्तमान और पिछली पीढ़ी के बीच सबसे बड़ा अंतर प्रकृति के बीच बीतने वाले समय का है। इसी का परिणाम है कि बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हो रहे हैं उनका सामाजिक विकास प्रभावित हो रहा है। हार्वर्ड के अनुसार आउट डोर एक्टिविटी नहीं करने वाले बच्चों के सफल होने की संभावनाएं भी कम होती हैं।
3 से 5 के बच्चों को दिन भर एक्टिव रहना चाहिए जबकि 6 से 17 साल के बच्चों को रोज कम से कम 60 मिनट जरूर खेलना चाहिए। शारीरिक रूप से एक्टिव रहना चाहिए। अपने बच्चे को दौड़ने और खेलने में समय बिताने के लिए पार्क या पास के खेल के मैदान में ले जाएं। इसके अलावा भोजन के समय, पढ़ाई के घंटों के दौरान, सोने के समय या जब बाहर जाने और खेलने का समय हो तो फोन का इस्तेमाल करने से रोकें। कई माता-पिता स्वयं स्मार्टफोन पर काफी समय बिताते हैं। ऐसे मामलों में, बच्चों को मोबाइल का उपयोग न करने के लिए कहना मदद नहीं कर सकता है, क्योंकि वे माता-पिता के नक्शे कदम पर चलने के लिए बाध्य हैं। इसलिए स्वयं के मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करके बच्चे के लिए अच्छा रोल मॉडल बनें। विशेषज्ञों का कहना है कि हाइपर बच्चा एडीएचडी (अऊऌऊ) हो सकता है। वर्तमान में अधिकांश बच्चों में यह समस्या देखने को मिलती है।
इससे पीड़ित बच्चा बहुत ज्यादा बोलता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है, अपनी उम्र से बड़ी बातें करता है और काफी शरारती व जिद्दी हो जाता है। इस स्थिति में पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं। एडीएचडी से जूझ रहे बच्चों की बात को ठीक से सुनना बहुत जरूरी होता है। कई बार ऐसा होता है कि वह आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ कहना चाहते हैं, पर जब उन्हें अच्छा रेस्पॉन्स नहीं मिलता तो, वह हाइपर हो जाते हैं। अगर आपका बच्चा भी इस समस्या से पीड़ित है तो, आपको उसे खेलकूद व आउटडोर एक्टिविटी में ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखना चाहिए।
यदि शुरुआत से ही बच्चों में अच्छी डाइट और एक सही रूटीन की आदत बनाई जाए तो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खुद-ब-खुद कम हो जाती हैं। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से सेहत बनी रहती है और बीमार होने की संभावना भी बहुत हद तक कम हो जाती है। बच्चों के लिए हेल्दी डाइट काफी ज्यादा जरूरी होता है। ऐसे में उनके आहार में पोषक तत्वों से युक्त फल और सब्जियों को शामिल करना न भूलें। गाजर, बीन्स, संतरा और स्ट्रॉबेरी में कैरोटीनॉयड पाया जाता है, जो इम्यूनिटी बूस्टिंग फाइटोन्यूट्रिएंट्स के रूप में जाने जाते हैं। शाम को प्रकृति के बीच उन्हें घुमाने के लिए ले जाएं या उनके साथ प्ले ग्राउंड में छोटे-मोटे खेलों में हिस्सा ले। ऐसे खेलों को प्राथमिकता दें जो बच्चे की एकाग्रता को उत्तेजित करें। सरल नियमों के साथ छोटे खेलों के साथ प्रारंभ करें और फिर खेल की अवधि बढ़ाएं।