WFI की नई कार्यकारणी को खेल मंत्रालय ने किया सस्पेंड, संजय सिंह की मान्यता रद्द

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नई दिल्ली। WFI को लेकर सरकार का बड़ा फैसला सामने आया है। जानकारी के अनुसार पहलवानों के विरोध के बीच भारतीय खेल मंत्रालय ने नवनियुक्त भारतीय कुश्ती संघ की नई कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया है।संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया था। उनके बाद बजंरग पूनिया ने पद्म श्री लौटा दिया था। उनके अलावा हरियाणा के पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह ने पद्म श्री लौटाने का एलान कर दिया था। खेल मंत्रालय ने साथ ही WFI प्रेसिडेंट संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी है। खेल मंत्रालय की तरफ से अगले आदेश तक किसी भी तरह की गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया गया है।

खेल मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा, WFI के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय द्वारा लिए गए फैसले पूरी तरह से नियमों के खिलाफ हैं और WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं। इन फैसलों से नए अध्यक्ष की मनमानी दिखाई देती है, जो सिद्धांतों के खिलाफ है और पारदर्शिता से रहित हैं। निष्पक्ष खेल, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमों का पालन महत्वपूर्ण है। एथलीटों, हितधारकों और जनता के बीच विश्वास बनाना महत्वपूर्ण है।

ये था मामला

21 दिसंबर को हुए भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण सिंह के करीबी संजय कुमार सिंह को जीत मिली थी। संजय सिंह का मुकाबला कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी अनीता श्योराण से था। नीता श्योराण महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गवाह भी हैं। उन्हें बृजभूषण के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों का समर्थन था। WFI के कुल 15 पदों पर चुनाव हुए। अध्यक्ष पद के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष के 4 पदों, महासचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव के 2 पदों और 5 कार्यकारी सदस्यों का चुनाव हुआ।

चुनाव की प्रक्रिया इस साल जुलाई में शुरू हुई थी, लेकिन कोर्ट केस के कारण ये चुनाव टल गया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस चुनाव पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक को रद्द किया और इसके बाद चुनाव की तारीख का ऐलान हो पाया। अब 21 दिसंबर को चुनाव हुआ और इसके नतीजे बृजभूषण खेमे के पक्ष में आए। अध्यक्ष पद के चुनाव में संजय सिंह ने अनीता श्योराण को 33 वोटों से मात दी। संजय सिंह को 40 वोट मिले, जबकि अनीता श्योराण को मात्र 7 वोट मिले।

12 साल तक अध्यक्ष थे बृजभूषण

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर पिछले 12 साल से बृजभूषण शरण सिंह थे। साल 2011 से लगातार तीन बार वो कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने गए। बृजभूषण शरण सिंह के अध्यक्ष रहने के दौरान ही देश के कई पहलवानों ने उनके खिलाफ आंदोलन किया था। बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे।

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