श्रीलंका की तरह भारत के इन राज्यों का भी निकलेगा दिवाला: नीति निर्धारक अफसरों ने जताई चिंता

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पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति (Economic Crisis) से गुजर रहा है। लोकलुभावन योजनाओं (Freebies) के कारण देश आज दाने-दाने को मोहताज हो गया है।
श्रीलंका के दिवालिया होने में सरकार की गलत नीतियां सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. जिसमें एक बड़ी गलती जनता को लुभाने के लिए मुफ्त का खेल भी है, ये खेल भारत में भी तेजी से पनप रहा है.
भारत के भी  कई राज्य लोकलुभावन घोषणाओं के कारण बदहाली के कगार पर पहुंच गए हैं। जल्दी कदम नहीं उठाए गए तो इनकी स्थिति भी श्रीलंका जैसी हो सकती है।

चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों में सबकुछ फ्री (freebies) देने की होड़ मची रहती है और इस कारण देश के कई राज्य बदहाली के कगार पर पहुंच गए हैं। देश के कई शीर्ष नौकरशाहों ने चेतावनी दी है कि अगर इस प्रवृत्ति पर रोक नहीं लगी तो ये राज्य श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis ) और यूनान (Greece) की तरह कंगाल हो जाएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को अपनी चिंता से अवगत कराया है।

देश की नीति निर्धारक इन अफसरों का मानना है कि जनता को दी जाने वाली फ्री की योजनाएं व्यवहारिक नहीं है.. और ऐसी योजनाएं लंबे वक्त तक नहीं चल सकती है. खासकर कर्ज में डूबे राज्यों का ऐसी योजनाएं चलाना बेहद घातक है और हमें श्रीलंका में मचे कोहराम से सीखने की जरूरत है. दरअसल भारत में मुफ्त बांटकर वोट पाना एक शॉर्टकट बन चुका है. इसलिए मुफ्त की योजनाओं पर अफसरों की चिंता पर भी राजनीतिक पार्टियां बंटी हुई है.

हाल ही में पांच राज्यों में हुए चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों ने जमकर फ्री बांटने का ऐलान किया. कोई लैपटॉप दे रहा था कोई स्कूटी, कोई स्मार्टफोन तो कोई पैसे. लेकिन जनता को मुफ्त बांटने वाले राज्यों की जमीनी हकीकत ये है कि वो कर्ज में दबे हुए हैं.

आपको बता दे कि भारत के वो कौन-कौन राज्य हैं जो बदहाली के कगार पर है
अधिकारियों का कहना है कि पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की सरकारों ने जो लोकलुभावन घोषणाएं की हैं, उन्हें लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता है। इसका समाधान निकालने की जरूरत है।
कई राज्यों में विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकारें लोगों को मुफ्त बिजली दे रही है। इससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ रहा है। इससे हेल्थ और एजुकेशन जैसे अहम सामाजिक सेक्टरों के लिए फंड की कमी हो रही है। बीजेपी ने भी हाल में हुए विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh assembly election) और गोवा में मुफ्त एलपीजी कनेक्शन (LPG connections) देने के साथ ही दूसरी कई लोकलुभावन घोषणाएं की थीं।

पड़ोसी देश श्रीलंका आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। पेट्रोल-डीजल खत्म हो गया है। 13-13 घंटे बिजली गुल रहती है, अस्पतालों का कामकाज रुक गया है और देश पर मोटा कर्ज चढ़ चुका है। लोगों को खाने के लाले पड़ गए हैं। देश में इस बदहाली के कई कारण हैं। जब 2019 में मौजूदा सरकार सत्ता में आई थी तब सभी को खुश करने के लिए उसने सभी लोगों के टैक्स आधे कर दिए थे। इससे हालात खराब होने लगे और श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है। उसके पास डीजल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।

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रिपोर्ट – रुपाली सिंह

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