इटली में धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त बिल तैयार, मस्जिदों के बाहर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध, विवाद बढ़ा

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इटली: इटली की सरकार ने देश में धर्म परिवर्तन रोकने के लिए मसौदा तैयार किया है, जिसपर विवाद शुरू हो गया है। इटली की सत्तारूढ़ ब्रदर्स ऑफ़ इटली (FdI) पार्टी ने एक विधेयक तैयार किया है, जिसके तहत देश में होने वाले धर्म परिवर्तन को रोकने की कोशिश की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस विधेयक में कई बातें ऐसी हैं, जिसपर विवाद हो रहा है। लेकिन, इटली की सरकार ने कहा है, कि धर्म परिवर्तन रोकने के लिए इस विधेयक का देश की संसद में पास होना जरूरी है। इस बिल में, देश के गैराजों, औद्योगिक केन्द्रों, औद्योगिक गोदामों और मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा गया है।

इस्लाम में 72 हूरें मिलने के बारे में क्या कहा गया है.. इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की विचारधारा राष्ट्रवादी है और उन्होंने अपने चुनावी कैम्पेन के दौरान भी धर्म परिवर्तन समेत देश में मुस्लिम शरणार्थियों को रोकने के लिए कानून बनाने का वादा किया था। बताया जा रहा है, कि इटली का एक बड़ा हिस्सा, मुस्लिम शरणार्थियों और धर्म परिवर्तन की घटनाओं से परेशान है, इसीलिए जियोर्जिया मेलोनी को लोगों ने भारी बहुमत से जिताया और अब वो अपने वादे को पूरा करने की कोशिश कर रही हैं। स्थानीय इतालवी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जियोर्जिया मेलोनी के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी सरकार ने देश के शहरी नियोजन कानून में संशोधन किया है। इस मसौदा का उद्देश्य औद्योगिक गैराजों और गोदामों को धार्मिक प्रार्थना स्थलों या मस्जिदों में बदलने पर रोक लगाना है।
यह बिल इटली में सत्तारूढ़ ब्रदर्स ऑफ इटली ने देश की संसद में पेश किया है, जो इटली में वर्तमान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही है। जैसा कि इतालवी मीडिया द्वारा रिपोर्ट किया गया है, बिल इतालवी बिल्डिंग कोड में संशोधन करने का प्रयास करता है। इस बिल के तहत इटली के तमाम मस्जिदों की जांच की जाएगी और ये पता लगाने की कोशिश की जाएगी, कि इन्हें फंड कहां से मिलता है। इसके साथ ही, बिल में कहा गया है, कि अगर किसी औद्योगिक गोदओं या गैराजों का इस्तेमाल धार्मिक प्रचार के लिए किया गया, तो आरोपी को सख्त सजा दी जाएगी।

इस बिल पर सबसे पहले गठबंधन समूह के नेता टोमासो फोती ने हस्ताक्षर किए हैं। वहीं, इस बिल के खिलाफ इटली के इस्लामिक समुदाय कडे़ विरोध में उतरने की योजना बना रहे हैं। बिल का क्या होगा असर? यदि ये बिल संसद में पारित हो जाता है, तो बिल उन अनगिनत मस्जिजों को बंद कर देगा, जो पहले से ही औद्योगिक स्थलों या गैराजों में बनाए गये हैं। बिल में कहा गया है, कि ऐसे सैकड़ों मस्जिद, जो सरकार की इजाजत के बगैर अवैध तरीके से औद्योगिक परिसरों में बनाए गये हैं, उन्हें बंद कर दिया जाएगा। इस बिल के जरिए यह दावा किया जा रहा है, कि बिल इटली के किसी भी संभावित इस्लामीकरण को रोक देगा।

रिपोर्टों के अनुसार, यदि बिल पारित हो जाता है, तो वे सभी सांस्कृतिक और धार्मिक संगठनों, जिन्होंने इतालवी राज्य के साथ समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, उन्हें ऐसे जगहों पर धार्मिक कार्य करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, जिन्हें पूजा स्थल नहीं बनाया जा सकता है। सरकार का कहना है, कि एक ‘मजहब’ के लोग सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक कार्य करते हैं, जो अवैध है। आपको बता दें, कि इटली में इस्लाम की महत्वपूर्ण स्थिति होने के बाद भी इसने सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है, जबकि बाकी सभी धर्म ने सरकार के साथ समझौता साइन कर रखा है, जिसके तहत धर्म परिवर्तन को लेकर नियम बने हुए हैं। लिहाजा, इटली सरकार आधिकारिक तौर पर इस्लाम धर्म को राज्य धर्म के तौर पर मान्यता नहीं देती है।

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