नई दिल्ली/अमृतसर: पंजाब (Punjab) से मिली एक बड़ी खबर के अनुसार, यहाँ अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के 103वें स्थापना दिवस पर बीते गुरुवार को स्वर्ण मंदिर में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम दौरान अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने बेअदबी की घटनाओं (2015 Sacrilege Cases) के दोषियों की गिरफ्तारी में नाकाम रहने पर सार्वजनिक तौर पर आम जनता से माफी मांगी।
सुखबीर बादल ने मांगी माफी
अपनी माफ़ी को लेकर सुखबीर सिंह बादल ने कहा, “सिख धर्म की सर्वोच्च धार्मिक-अस्थायी सीट श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) की प्राचीर पर गुरु की इच्छा के प्रति खुद को समर्पित करते हुए मैं ईमानदारी से और बिना शर्त खालसा पंथ से माफी मांगता हूं। माफी इसलिए कि अकाली शासन के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी (Sri Guru Granth Sahib) की बेअदबी का जघन्य अपराध हुआ था।”
इतना ही नहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि, “मैं आज इस बात के लिए भी माफी मांगता हूं कि हम अपने कार्यकाल के बचे हुए संक्षिप्त समय में बेअदबी के दोषियों को पकड़ नहीं सके।न ही उन्हें कोई सजा दिला सके। मुझे बहुत दुख है कि हम कुछ तथाकथित पंथिक व्यक्तियों और संगठनों की साजिशों को समझ नहीं सके। उन्हें हम हरा नहीं सके। हमें मामले की जांच CBI को सौंपने के लिए मजबूर होना पड़ा। ये घटनाएं मेरे और पिता प्रकाश सिंह बादल के जीवन की सबसे दर्दनाक घटनाएं रहीं हैं। हम असली दोषियों को जेल भेजेंगे और जिन्होंने सियासत की है, उनकी शक्ल भी सिख कौम के सामने लेकर आएंगे। बादल ने कहा कि एकजुट होकर ही अपने दुश्मनों के अत्याचारों का मुकाबला किया जा सकता है।”
जानकारी दें कि अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल के अलावा सांसद हरसिमरत कौर बादल, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, पूर्व मंत्री अनिल जोशी और अकाली दल के कई बड़े नेता भी बीते बुधवार को गोल्डन टेंपल पहुंचे थे। यहाँ हरमिंदर साहिब में श्री अखंड साहब पाठ का आयोजन भी किया गया था।
बताते चलें की अकाली दल 2007 से एक दशक तक पंजाब में सत्ता की बागडोर संभाले हुए था। तब प्रकाश सिंह बादल लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। इस अवधि के दौरान अकाली दल को 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं और दो प्रदर्शनकारियों की हत्या समेत विभिन्न मुद्दों पर आलोचना का सामना भी करना पड़ा था। जिसकी माफ़ी उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल ने मांगी है।