नई दिल्ली : भारतीय मूल की अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर अंतरिक्ष की उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। सुनीता बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष में जाएंगी। बोइंग के स्टारलाइनर की लॉन्चिंग 1 जून से 5 जून के बीच हो सकती है। पहले ये अंतरिक्षयान इस महीने की शुरुआत में लॉन्च होने वाला था, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से यह लॉन्चिंग टल गई थी।
सुनीता विलियम्स 41 साल की उम्र में पहली बार साल 2006 में नासा के एक्सपेडिशन-14 के तहत अंतरिक्ष में गईं थी, वहां उन्होंने चार बार स्पेस वॉक भी किया। इसके बाद वे 2012 में नासा के ही एक्सपेडिशन-33 मिशन के तहत दूसरी बार अंतरिक्ष में गईं। इस बार सुनीता विलियम्स निजी कंपनी बोइंग के स्टारलाइनर एयरक्राफ्ट से अंतरिक्ष जा रही हैं। सुनीता अंतरिक्ष में कुल 322 दिन गुजार चुकी हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक बयान में कहा है नासा, बोइंग और यूनाइटेड लॉन्च अलायंस के मिशन मैनेजर्स बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्षयान की लॉन्चिंग की समीक्षा कर रहे हैं। यह बोइंग क्रू टेस्ट फ्लाइट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरेगी। स्पेसक्राफ्ट की लॉन्चिंग 1 जून से छह जून के बीच हो सकती है। बीते दिनों बोइंग के स्टारलाइन अंतरिक्षयान के प्रोपल्शन सिस्टम में खामी का पता चला था। दरअसल अंतरिक्षयान में हीलियम गैस लीक हो रही थी। नासा ने बताया कि जो खामी का पता चला था, उसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है।
बोइंग के अंतरिक्षयान में सुनीता विलियम्स के साथ बुच विल्मोर भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाएंगे। गौरतलब है कि एलन मस्क की स्पेसएक्स के बाद बोइंग दूसरी निजी कंपनी है, जो अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक क्रू को लेकर जाने और वापस लाने में सक्षम होगी। स्पेसएक्स और बोइंग ने अपने-अपने अंतरिक्षयान नासा के साथ मिलकर कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत बनाए हैं।
साल 2019 में बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्षयान को बिना क्रू के स्पेस में भेजा गया था, लेकिन वह मिशन असफल रहा। इसके बाद साल 2022 में दूसरे प्रयास में बोइंग को सफलता मिली, उसी ने अब तीसरी बार क्रू समेत टेस्ट ड्राइव का रास्ता खोल दिया है। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर टेस्ट पायलट के तौर पर अंतरिक्षयान में जा रहे हैं।