सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अग्निपथ योजना की वैधता की पुष्टि की

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए सरकार की अग्निपथ योजना की वैधता की पुष्टि की और योजना को बरकरार रखने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने से संबंधित दो याचिकाओं को खारिज कर दिया। अग्निपथ योजना शुरू होने से पहले भारतीय वायुसेना में भर्ती से जुड़ी एक और याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 अप्रैल की तारीख तय की है।

27 फरवरी, 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना को बरकरार रखा था। सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी केंद्र की इस स्कीम को लेकर कोर्ट ने कहा था कि यह देशहित में लाई गई है, जिसका मकसद सशस्त्र बल को बेहतर बनाना है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि इसमें हस्तक्षेप करने की कोई वजह नजर नहीं आती है।

कोर्ट ने इस दौरान सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़े कुछ ऐड्स (विज्ञापनों) के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। साथ ही यह स्पष्ट किया कि ऐसे उम्मीदवारों को भर्ती का अधिकार नहीं है। बेंच ने इससे पहले पिछले साल 15 दिसंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केंद्र ने पिछले साल 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना शुरू की थी, जिसके तहत सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए नियम निर्धारित किए गए। नियमों के अनुसार साढ़े 17 से 21 साल की उम्र के लोग आवेदन करने के पात्र हैं, जिन्हें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाना है। चार साल के बाद इनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवा का मौका दिया जाएगा। हालांकि, योजना के ऐलान के बाद कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे। बाद में सरकार को साल 2022 के लिए भर्ती की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ाकर 23 साल करनी पड़ी थी।

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