नई दिल्ली : हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर खाम खान सुआन हौसिंग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई को (On July 31) सुनवाई करेगा (Will Hear) । प्रोफेसर पर कथित रूप से मेइती समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का आरोप है। मणिपुर की एक अदालत ने उनके खिलाफ एक समन भी जारी किया था।
याचिका पर मूल रूप से 28 जुलाई को भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ द्वारा सुनवाई की जानी थी। वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने न्यायमूर्ति एस.के. कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इसका उल्लेख करते हुए शुक्रवार या सोमवार (31 जुलाई) को तत्काल सुनवाई की मांग की थी। पीठ ने याचिका पर तत्काल विचार करने से इनकार करते हुए कहा, ”यह सोमवार (31 जुलाई) को होगी।”
हैदराबाद विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. हौसिंग को इम्फाल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने समन जारी किया है। अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 200, 295ए ( धार्मिक मान्यताओं का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना), 298, 505(i) और 120(B) के तहत मामला दर्ज किया है।
याचिकाकर्ता को सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि एक साक्षात्कार के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो उन्होंने द वायर के श्री करण थापर को दिया था”। इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने “संविधान के तहत गारंटीकृत अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए” सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की है।