नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हलफनामे पर नाराजगी जताई थी और सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि हम हलफनामे से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने ग्रैप 4 के पॉइंट नंबर एक तथा दो को पर भी नाराजगी जताई है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि सभी एंट्री पॉइंट वाली जगहों पर एक चेक पोस्ट बने। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि GRAP 4 को लागू रखना है या नहीं, इस पर हम सोमवार को फैसला करेंगे। अब आज देखना होगा सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला करता है।
18 नवंबर से लागू है GRAP-4
रविवार 17 नवंबर को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) तेजी से बढ़कर 441 हो गया था और शाम होते-होते यह 457 तक पहुंच गया। इस गंभीर प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार 18 नवंबर से ग्रैप-4 लागू करने का फैसला लिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि ग्रैप-4, तब लागू होता है जब AQI 450 के पार चला जाता है।
ग्रेप के चौथे चरण के तहत लागू होने वाली प्रमुख पाबंदियां
दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक रहेगी, केवल आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले ट्रकों को ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
दिल्ली में पंजीकृत बीएस-IV और उससे नीचे के डीजल वाहनों की आवाजाही पर कड़ा प्रतिबंध रहेगा।
केवल आवश्यक सेवाओं को प्रदान करने वाले वाहनों को हीअनुमति होगी।
दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारें छठी से नवीं और 11वीं कक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प प्रदान कर सकती हैं।
सार्वजनिक और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति दी जाएगी, बाकी कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी जाएगी।
राज्य सरकारें कॉलेजों और संस्थानों को बंद करने और ऑड-इवन प्रणाली को लागू करने पर विचार कर सकती हैं।
यह कदम दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर असर न पड़े। प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे लागू करने के लिए सभी विभागों और अधिकारियों को तैयार किया गया है।