उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में आज से उत्तर प्रदेश (UP) में सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Unrecognized Madrasa) का सर्वे किया जाना है। कई लोगों के मन अभी भी यह सवाल है कि आखिर इस सर्वे कि क्या जरुरत है और इसके पीछे कि वजह क्या है? तो चलिए हम आपको इस सर्वे के पीछे की वजह के बारे में बताते है। हम आपको उन सभी पॉइंट्स के बारें में भी बताने जा रहे है। जिसके आधार पर यह निरिक्षण होना है।
क्या है इस सर्वे के पीछे की वजह?
दरअसल, गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madrasa) का सर्वे के पीछे की जो वजह बताई जा रही है वह यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार यह चाहती है कि मदरसों में पढ़ने वाले सभी मुस्लिम छात्र और छात्राओं को दीनी तालीम के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाए। यही वजह है कि सरकार राज्य के सभी मदरसों का सर्वे करा रही है। इतना ही नहीं, साथ ही सरकार यह भी चाहती है कि उसके पास राज्य में चल रहे गैर सरकारी मदरसों की पूरी जानकारी हो इसलिए भी इनका सर्वे कराया जा रहा है।
किन बिंदुओं पर होगा मदरसों का सर्वे?
गौरतलब है कि योगी सरकार ने मदरसों के सर्वे के लिए कई पॉइंट्स तय किए हैं। जिनके आधार पर यह सर्वे किया जाएगा। जिसकी सारी जानकारी मदरसों को सर्वे के दौरान देनी होगी। यह सर्वे 13 सितंबर यानि आज से सर्वेक्षण शुरू हो रहा है।
इन 12 पॉइंट्स के आधार पर होगा सर्वे
सबसे पहले मदरसे का नाम भरा जाएगा। उसके बाद मदरसे को संचालित करने वाली संस्था का नाम।
मदरसा को कब और किस साल स्थापित किया गया था उसका डिटेल।
मदरसा निजी भवन में चल रहा है या फिर किराए के भवन में उसकी जानकारी।
क्या मदरसे का भवन छात्र-छात्राओं के लिए उपयुक्त है?
छात्रों को क्या-क्या सुविधाएं मिल रही हैं?
मदरसे में किस पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाया जा रहा है?
मदरसे में छात्रों को क्या सुविधा मिल रही है क्या मदरसे में उनके लिए पर्याप्त जगह है?
मदरसे में कितने छात्र और छात्राएं पढ़ रहे है, उनके कुल संख्या के बारे में जानकारी।
मदरसे में पढ़ाने वाले कुल शिक्षकों की संख्या क्या है?
मदरसे की आय का स्रोत क्या है?
क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं किसी और शिक्षण संस्थान स्कूल में नामांकित हैं?
क्या किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे की संबद्ध है? अगर है तो उसकी में पूरी जानकारी।