Gyanvapi Masjid Case Live Updates:वाराणसी कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल,शिवलिंग के स्थान पर दर्शन-पूजन समेत 23 अन्य मामलों में सुनवाई

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Gyanvapi Masjid Case Live Updates:वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी सर्वे मामले में गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन रविकुमार की अदालत में सभी पक्षों की मौजूदगी में 10 मिनट तक सुनवाई चली. इस दौरान अंजुमन इनजानिया मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी पेश करते हुए कहा कि निचली अदालत को इस मामले में सुनवाई स्थगित करने की सूचना दी गई थी. कहा कि शुक्रवार को तीन बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इन परिस्थितियों में वाराणसी कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 23 मई तय की।

ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग को आपत्तियां तलब करने के दावे समेत तमाम मसलों के निपटारे को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई होनी थी. गुरुवार को सरकार की ओर से डीजीसी सिविल ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की. तो वहीं दूसरी ओर प्रतिवादी पक्ष ने ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलों में आपत्ति दर्ज कराई है. शिवलिंग प्राप्त करने के दावे पर प्रतिवादी पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई। वादी और उनके अधिवक्ताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। साथ ही दोनों पक्षों को सर्वे रिपोर्ट दे दी गई है।

सर्वेक्षण रिपोर्ट के साथ मानचित्रण और कार्रवाई का विवरण भी प्रस्तुत किया गया है।

इससे पूर्व विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने भी कोर्ट में अपनी सर्वे रिपोर्ट पेश की. सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने से पहले दोनों पक्षों के लोग कोर्ट में मौजूद थे. सर्वे रिपोर्ट 15 पेज की है। साथ ही मैपिंग व कार्रवाई का ब्योरा भी दाखिल किया गया। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कराए गए सर्वे की पहली रिपोर्ट तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने बुधवार को सौंपी.

डीजीसी सिविल ने आवेदन में क्या कहा
डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित तीन फीट गहरे मानव निर्मित तालाब को सील कर दिया गया है. इसके चारों ओर पाइपलाइन और नल हैं। उस नल का उपयोग पूजा करने वाले वुज़ू के लिए करते हैं। तालाब परिसर को सील किए जाने के कारण उपासकों की प्रार्थना के लिए बाहर की व्यवस्था की जाए। सील किए गए क्षेत्र में एक शौचालय भी है। नमाजियों को सील कर वहां जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। इसलिए इनकी व्यवस्था की जाए। तालाब में कुछ मछलियाँ भी हैं। उन मछलियों को अब पानी में कहीं और छोड़ देना चाहिए।

मंगलवार को वादी पक्ष की ओर से रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू की ओर से स्थानीय अदालत में अर्जी दी गई कि शिवलिंग के स्थान पर दर्शन-पूजा के साथ-साथ वजू स्थान पर मिले शिवलिंग के सामने व सामने नंदी महाराज के, तहखाने के उत्तरी भाग और पूर्व की चुनी हुई दीवारों को गिराकर सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।

परिसर में कई स्थानों पर रखे बांस, गेंद, ईंट व बालू का मलबा हटाकर सर्वे कराने की मांग की गयी. इस पर कोर्ट ने अंजुमन इनजानिया मस्जिद कमेटी समेत अन्य प्रतिवादियों से आपत्ति मांगी थी. जिसे आज कोर्ट में पेश किया गया. अब माना जा रहा है कि सोमवार को दोनों पक्षों के सबूतों और सबूतों और दलीलों पर अदालत अहम फैसला ले सकती है.

बता दें कि 12 मई को आयोग की अधूरी कार्रवाई पर 7 मई को कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर के साथ-साथ स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह और असिस्टेंट एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह को भी नियुक्त किया था. इसके बाद 17 मई को कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर के पद से मुक्त कर दिया।

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रिपोर्ट: रुपाली सिंह

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