नई दिल्ली: प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को वर्ष 2028-29 तक बढ़ाए जाने के फैसले के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आवास से वंचित पात्रों का चिन्हांकन करने के लिए फिर से सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। सर्वेक्षण की तिथियों की घोषणा मंत्रालय द्वारा जल्द की जाएगी।
इस सर्वेक्षण में चिन्हांकन के कई पैरामीटर में संशोधन किए गए हैं। सभी बेघर परिवार, एक या दो कमरों के कच्ची दीवाल और कची छतयुक्त मकानों में रहने वाले परिवार आवास के लिए पात्र होंगे। आश्रयविहीन परिवार, बेसहारा, भीख मांगकर जीवन यापन करने वाले, हाथ से मैला ढोने वाले, आदिम जनजाति समूह तथा वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूर आवास के लिए पात्र होंगे।
सर्वेक्षण में कोई पात्र छूटे नहीं: केशव मौर्य
उप मुख्य्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश में आगामी सर्वे का कार्य सही एवं पारदर्शी ढंग से कराए जाने का निर्देश सभी अधिकारियों को दिया है। निर्देशित किया है कि सर्वेक्षण के दौरान कोई भी पात्र लाभार्थी सूची में शामिल होने से वंचित न रह जाए इसके सुनिश्चित किया जाए। सर्वेक्षण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सर्वेक्षण की तिथि भारत सरकार से मिलने से पूर्व ही ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने जरूरी तैयारियों के लिए सभी जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारीकरदियाहै।
बैंक से मिलता है लोन
पीएम आवास योजना के तहत लोगों को लोन देकर घर दिया जाता है। किराएदार के रूप में निवासरत, बेघर परिवारों को आवास के लिए आवेदन आमंत्रित किया जाता है। हितग्राहियों को 10 प्रतिशत अंशदान राशि जमा करके लॉटरी में भाग लेकर मकान अपने नाम आवंटित कराना होता है। बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए कुछ दस्तावेज आवश्यक दस्तावेज हैं। पीएम आवास योजना के तहत घर आवंटन के बाद बैंक से लोन ले सकते हैं। इसके लिए
-आवंटन पत्र की छायाप्रति
-पेन कार्ड की छायाप्रति
-आधार कार्ड की छायाप्रति
-बैक पास बुक की छायाप्रति
-शपथ पत्र
-6 माह का बैंक स्टेटमेंट
-वेतन प्रमाण पत्र
-3 पासपोर्ट साइज फोटो
-किरायानामा
-जमा की गई राशि के रसीद की छायाप्रति अनिवार्य रूप से लेकर आना है।