मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा को 8 दिन से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ महायुति के घटक दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक के बाद भी महायुति की नई सरकार अभी तक अस्तित्व में नहीं आ सकी है। इसके लिए एक तरफ जहां कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना की अडंगेबाजी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी में बड़ा पेंच दिखाई पड़ रहा है। इसकी वजह से बीजेपी विधायक दल की बैठक अभी तक नहीं हो सकी है और सीएम पद के चेहरे को लेकर सस्पेंस खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
इस बीच सूत्रों का दावा है कि आगामी मंगलवार यानी कि 3 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक हो सकती है और इसमें देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। कहा यह भी जा रहा है कि इन सब के बाद गुरुवार को शपथ ग्रहण हो सकता है।
गृह मंत्रालय को लेकर फंसा है पेंच
बता दें कि महाराष्ट्र के नए सीएम और महायुति सरकार के गठन को लेकर इन दिनों बीजेपी खेमे में छाई खामोशी के कारण अटकलों का बाजार लगातार गर्म हो रखा है। एकनाथ शिंदे ने भले ही सीएम पद से दावा छोड़ दिया है, लेकिन उनकी पार्टी उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ गृह, नगर विकास, सार्वजनिक निर्माण कार्य (पीडब्ल्यूडी) सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विभागों पर दावा ठोक रही है।
शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता व विधायक संजय शिरसाट का कहना है कि इससे पहले वाली महायुति सरकार में उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ गृह मंत्रालय भी बीजेपी के पास था। इसलिए अब शिवसेना को स्वाभाविक रूप से उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ गृह मंत्रालय भी मिलना चाहिए। सरकार के गठन को लेकर चर्चा जारी रहने के बीच कार्यवाहक सीएम शिंदे अपने गांव चले गए हैं। इस बारे में शिरसाट ने यह कहकर बीजेपी की टेंशन भी बढ़ा दी है कि शिंदे कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। शिरसाट का कहना है कि शिंदे को जब भी कोई बड़ा निर्णय लेना होता है तो वह अपने गांव चले जाते हैं।
बैठक में शिंदे, फडणवीस और अजीत पवार लेंगे फैसला
इस संबंध में बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, ”सरकार गठन की कोई भी चर्चा मीडिया रिपोर्ट के जरिए या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सामने बयान देकर नहीं की जाती। जो भी निर्णय लिया जाएगा वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार मिलकर लेंगे। ये तीनों एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे। उसके बाद बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उस फैसले पर मुहर लगाएगा। यह बहुत साधारण सी बात है।” वहीं, नई सरकार के गठन को लेकर अजीत पवार ने भी स्थिति साफ करते हुए कहा कि, यह तय हो गया है कि बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा। यह भी तय हुआ है कि बाकी दो पार्टियों के उप मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल हम भारी बहुमत के साथ महायुति सरकार बनाकर पांच साल के विजन को लागू करने को प्राथमिकता देंगे।