नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अपने बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी अध्यक्ष (party president) के लिए एक खत लिखकर अपने पद से इस्तीफा दिया है. लेटर में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का कारण बताया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ महीनों पहले रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था जिसके बाद वह कई लोगों के निशाने पर आ गए थे. उन्होंने अपने लेटर में इस बात का जिक्र किया है कि उनकी ही पार्टी के कुछ छुटभईये और कुछ बड़े नेताओं ने उनके बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह ‘मौर्य जी का निजी बयान है.’
अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के लिए लगातार कई सालों से काम किया है और पार्टी के जनाधार को भी बढ़ाया है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी किस तरह से सिकुड़ती जा रही थी लेकिन स्वामी की राजनीति और अथक प्रयासों के चलते 2022 में पार्टी के विधायकों की संख्या 110 हो गई.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पद से इस्तीफा देते हुए कई कारण गिनाए हैं, उन्होंने इस मामले में भी दुख जाहिर किया है कि उनकी बातों पर अमल नहीं किया जा रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा है कि उन्होंने जातिवार जनगणना, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ों के आरक्षण को बचाने, बेरोजगारी-महंगाई, किसानों की समस्या, लोकतंत्र और संविधान को बचाने और प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ प्रदेश स्तर पर यात्रा निकालने की सलाह दी धी. इस पर आश्वासन दिया गया लेकिन सकारात्मक परिणाम नहीं रहे इसकी वजह से स्वामी प्रसाद दुखी हैं.