शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विशेषज्ञ, सभी लोगों को आहार पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं, इसमें बरती गई लापरवाही कई गंभीर और क्रोनिक बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने वाली हो सकती है। अध्ययनों में ज्यादा मीठी चीजों को सेहत के लिए नुकसानदायक बताया गया है। आमतौर पर माना जाता है कि अधिक मात्रा में चीनी वाली चीजों का सेवन करने वालों में डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है, पर क्या आप जानते हैं कि चीनी सिर्फ डायबिटीज ही नहीं हृदय रोगों और कैंसर जैसी समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा देती है। यही कारण है कि विशेषज्ञ कम मात्रा में ही चीनी के सेवन की सलाह देते हैं।
अगर आप भी ज्यादा मीठा खाने के शौकीन हैं, तो सावधान हो जाइए, इससे कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। सॉस से लेकर पीनट बटर तक, ऐडेड शुगर वाली चीजें सेहत के लिए समस्याओं को बढ़ाने वाली हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी का अधिक सेवन मोटापे और कई क्रोनिक बीमारियों, जैसे टाइप-2 डायबिटीज, हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा देता है। इसकी मात्रा को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि चीनी का अधिक सेवन किस प्रकार की समस्याओं को बढ़ाने वाला हो सकता है?
ज्यादा मीठी चीजें बढ़ा सकती हैं वजन
अधिक वजन या मोटापे की स्थिति को कई गंभीर रोगों का कारण माना जाता है, ऐसे में यदि आप अधिक मीठा खाने के शौकीन हैं तो अलर्ट हो जाएं। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐडेड शुगर वाली चीजें वजन बढ़ने का कारण हो सकती हैं। मीठे पेय जैसे सोडा, जूस और मीठी चाय में फ्रुक्टोज की अधिकता होती है जो खाने की इच्छा को बढ़ा देती जाती है। यह स्थिति तेजी से वजन बढ़ने की समस्या का कारण बन सकती है। मोटापा ग्रस्त लोगों में हृदय रोगों का खतरा अधिक होता है।
हाई-शुगर डाइट को कई बीमारियों के बढ़ते जोखिम से जोड़कर देखा जाता रहा है जिसमें हृदय रोग भी शामिल हैं। शोध में पाया गया है कि अधिक मात्रा में चीनी वाले आहार मोटापा और सूजन के साथ-साथ हाई ट्राइग्लिसराइड्स, रक्त शर्करा और रक्तचाप का स्तर बढ़ा सकते हैं, ये सभी हृदय रोग के जोखिम कारक हैं। इसके अतिरिक्त, अधिक चीनी का सेवन, विशेष रूप से मीठे पेय से एथेरोस्क्लेरोसिस का भी खतरा होता है जो धमनियों को अवरुद्ध करने वाली समस्या के तौर पर जानी जाती है।
अधिक चीनी वाली चीजें त्वचा संबंधी विकारों जैसे मुंहासे या दाने निकलने का भी कारण बन सकती हैं। रिफाइंड कार्ब्स वाले आहार से भी इस तरह की समस्याओं का जोखिम रहता है। इसके अलावा हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा को तेज़ी से बढ़ाते हैं, इससे इंसुलिन के स्तर में भी वृद्धि हो सकती है। इस स्थिति के कारण भी दाने और मंहासे होने का खतरा अधिक रहता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिक मात्रा में चीनी वाली चीजें खाने से कुछ प्रकार के कैंसर के विकसित होने का भी खतरा बढ़ सकता है। मीठे खाद्य और पेय पदार्थ मोटापे का कारण बनते हैं जो कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली स्थिति है। इसके अलावा अधिक चीनी वाले आहार से शरीर में इंफ्लामेशन हो सकता है और ये इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकता है, ये दोनों कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।