सीरिया-तुर्की की मदद के लिए भारत भेजेगा NDRF की बड़ी टीम, डॉग स्क्वाड-दवाइयां भी शामिल

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नई दिल्ली: तुर्की में आए भीषण भूकंप से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है. इस भयावह प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए भारत सरकार नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीम को भेजने का फैसला किया है. सरकार की ओर से जारी किए गए स्टेटमेंट में यह जानकारी दी गई है. भारत की ओर से 100 सदस्यीय एनडीआरएप की टीम तुर्की भेजी जा रही है. इसमें डॉग स्क्वाड, डॉक्टर्स की टीम और काफी मात्रा मे रिलीफ मटेरियल भेजा जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से यह पहल की गई है जिसके बाद पीएमओ में एक अधिकारी स्तर की बैठक में यह फैसला लिया गया है.

बता दें कि पूर्वी तुर्की में सोमवार को बड़ा भूकंप आया है जिसकी तीव्रता 7.8 रही है. इस भूंकप का असर तुर्की और सीरिया में सबसे ज्यादा हुआ है. दोनों देशों में अब तक 1 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. तुर्की के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकतायस ने बताया कि 10 प्रभावित प्रांतों में 2800 से ज्यादा इमारतें ढह गईं और सैकड़ों लोगों घायल हुए हैं. भूकंप में अभी मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं.

आंशिक रूप से ढह गई इमारतों के अंदर फंसे लोग व सड़कों पर मौजूद लोग मदद की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं. भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस किए गए. इसका केंद्र सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर गजियांतेप शहर के उत्तर में था. अतमेह कस्बे के चिकित्सक मुहीब कदौर ने फोन पर द एसोसिएटेड प्रेस को कहा, हमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है. हम बेहद दबाव में हैं.

भूकंप के बाद करीब 20 झटके महसूस किए गए, जिनमें से सबसे शक्तिशाली झटका 6.6 की तीव्रता का था. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ट्वीट किया कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए तलाश एवं बचाव दलों को तुरंत रवाना कर दिया गया है. उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जानमाल के कम से कम नुकसान के साथ हम इस आपदा से मिलकर बाहर निकलेंगे . तुर्कये की आपदा एवं आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने पहले बताया था कि सात प्रांतों में कम से कम 76 लोग की मौत हुई है, जबकि 440 लोग घायल हुए हैं.

सीरियन सिविल डिफेंस ने लोगों से इमारतों से बाहर खुले स्थान पर रहने को कहा है. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था. प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए. भूकंप ऐसे समय में आया है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है जिसके गुरुवार तक जारी रहने के आसार हैं. उत्तर-पश्चिम तुर्की में 1999 में आए शक्तिशाली भूकंप में करीब 18,000 लोग मारे गए थे.

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