यादों में सिमट गए हैं झूले, गांवों में भी विलुप्ति की कगार पर है सावन संस्कृति
लखनऊ: आधुनिकता की दौड़ में संस्कृति पीछे छूटती जा रही है। और पुरानी परंपराएं विलुप्त होती जा रही है। एक समय था कि सावन आने का लोग बेसब्री से इंतजार करते थे। साथ ही सावन माह के आगमन से पूर्व मोहल्ले, गली गाँव में पेडों पर झूले पड़ने की…
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