नई दिल्ली। तालिबान के सर्वोच्च नेता हेबतुल्लाह अखुंदजादा ने बुधवार को कहा है कि किसी भी देश पर हमले के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा। अपने संदेश में तालिबान प्रमुख ने यह भी कहा कि किसी भी देश को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। बता दें कि यूएन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान की धरती पर हजारों विदेशी लड़ाके रहते हैं। इसमें अल-कायदा और पाकिस्तान स्थित लश्कर और जैश के आतंकवादी भी हैं।
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट को लेकर अखुंदजादा ने कहा कि वह किसी भी देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने देंगे. अपने संदेश में उन्होंने कहा, ‘मैं अपने पड़ोसियों, क्षेत्र और दुनिया को आश्वस्त करता हूं कि यहां से किसी भी देश की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होगा. हमने अन्य देशों से भी कहा है कि वे हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें।
उन्होंने कहा, “हम पूरी दुनिया के साथ अच्छे रणनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंध चाहते हैं।” इसमें अमेरिका भी शामिल है। हमें लगता है कि इसमें सभी पार्टियों के हित छिपे हैं. आपको बता दें कि पिछले महीने भारत ने अफगानिस्तान में भी अपनी राजनयिक उपस्थिति दर्ज कराई है। पिछले साल अगस्त में जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा था तो कई देशों ने अपने राजदूतों को यहां से हटा लिया था और दूतावास को बंद कर दिया था।
काबुल में अपनी तकनीकी टीम को फिर से शामिल करने से पहले भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान का दौरा किया। तालिबान ने भारत से वादा किया था कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि तालिबान ने अभी तक किसी आतंकी संगठन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। अखुंदजादा ने अफगानिस्तान में शिक्षा के संबंध में भी वादे किए।