नई दिल्ली (New Delhi)। राममंदिर (Ram temple) को लेकर विवादित बयानों (Controversial statements) का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। आरजेडी विधायक फतेह बहादुर (RJD MLA Fateh Bahadur) के मंदिर को लेकर कही गई बातों वाले विवादित पोस्टर को अब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) का समर्थन मिला है। रोहतास में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फतेह बहादुर ने सावित्री बाई फुले (Savitri Bai Phule) की बात दोहराई थी न कि अपनी कोई बात बोली थी। उन्होने कहा था कि मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता (temple path is path to mental slavery) होता है, और स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता दिखाता है। हमारे देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की बात को फतेह बहादुर ने दोहराया था।
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं देगा। शहीद जगदेव प्रसाद का बेटा अब आहूति नहीं देगा। अब आहूति लेना जानता है। उन्होने कहा कि विधायक फतेह बहादुर के जीभ की कीमत 10 करोड़ लग गई। हम नौकरी बांट रहे हैं। बिहार में एक साल में पांच लाख से अधिक नौकरी दी गई है। क्या यह आपके बेटे को चपरासी से कलक्टर बना देगा। कलम, कापी और स्कूल ही आपके बेटे को सिपाही से एसपी बनाएगा। अक्षत देने वालों से बचिए और बाबा आंबेडकर की धारणाओं पर चलिए।
आपको बता दें इससे पहले राजद विधायक फतेह बहादुर ने पटना में राजद कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाए थे। जिस पर लिखा कि मंदिर का अर्थ मानसिक गुलामी का मार्ग है, जबकि स्कूल का अर्थ प्रकाश की ओर जाने का मार्ग है। जब मंदिर की घंटी बजती है तो अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर जाने का संदेश देती है। पोस्टर में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की फोटो थीं, लेकिन पार्टी ने इस पर कोई बयान जारी नहीं किया था।