चंडीगढ़ (Chandigarh)। आतंकियों (Pakistani terrorists) ने भारत में घुसपैठ (Infiltration into India) करने का रास्ता बदल लिया है। वो पंजाब (Punjab) के रास्ते घुसपैठ कर रहे हैं। कठुआ में हुए आतंकी हमले (Kathua Terrorist Attack) के तार पंजाब से जुड़ रहे हैं। बीते दिनों पठानकोट, गुरदासपुर व आसपास के बॉर्डर एरिया में संदिग्ध देखे गए थे। यह इनपुट कठुआ में हुई मीटिंग में शेयर किया गया।
संदिग्ध गतिविधियों को लेकर पंजाब की ओर से केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को आगाह भी किया था। इससे पहले एजेंसियां कुछ कर पातीं, आतंकियों ने आठ जुलाई को सेना के गश्ती दल पर हमला कर दिया। इस हमले में पांच जवान बलिदान हो गए। छह महीने में पंजाब सीमा में घुसपैठ करते हुए 21 पाकिस्तानियों को दबोचा गया है, जोकि भारत में घुसने की फिराक में थे।
8 जुलाई के हमले से पहले पंजाब में आतंकियों के घुसपैठ की गतिविधियां बढ़ी थीं। पंजाब में घुसपैठ को लेकर पंजाब के स्पेशल डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला ने इनपुट केंद्र व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा किया था। इसके कुछ दिन बाद ही जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सेना के गश्ती दल पर आतंकी हमला सामने आया है।
कठुआ में सेना पर हुए आतंकी हमले के तार कहीं न कहीं पंजाब से जुड़े हुए हैं, क्योंकि पंजाब में बीते दिनों देखे गए आतंकियों का अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। वीरवार को कठुआ में जम्मू-कश्मीर और पंजाब के डीजीपी के अलावा बीएसएफ और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों के बीच हुई इंटरस्टेट को-ऑर्डिनेशन मीटिंग में पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव, जम्मू कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन और बीएसएफ के विशेष महानिदेशक पश्चिमी कमान वाई वी खुरानिया समेत कई अधिकारी मौजूद थे।