अलीगढ़ के हरदुआगंज क्षेत्र के 2015 के बहुचर्चित किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या का मुख्य आरोपी मनोज उर्फ चतरा को अपर सत्र न्यायालय से बरी कर दिया गया।
इस फैसले के खिलाफ पीड़ित परिवार की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई है। वहीं, इस मामले में एक बाल अपचारी पूर्व में बरी किया गया था, जिसके खिलाफ अपील अभी सत्र न्यायालय में लंबित है। वहीं तीसरे आरोपी की पत्रावली अभी लंबित है।इस मामले में पैरवी कर रहे पीड़ित परिवार की ओर से बताया गया कि घटना 23 दिसंबर 2015 की सुबह की है।
जब गांव से दसवीं की छात्रा साइकिल पर ट्यूशन पढ़ने हरदुआगंज आ रही थी। इसी बीच रास्ते में आरोपियों ने उसे खींचकर गन्ने के खेत में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और हत्या कर दी।
इस घटना के बाद क्षेत्र में जबरदस्त तनाव पनपा था और कई दिन तक कस्बा हरदुआगंज से लेकर जिले भर में प्रदर्शन हुए थे। अज्ञात में दर्ज मुकदमे के आधार पर पुलिस विवेचना गांव के एक नाबालिग आरोपी के अलावा गांव के ही मनोज उर्फ चतुरा व एक अन्य गोल्डी को आरोपी बनाया। शुरुआत में नाबालिग आरोपी व मनोज जेल भेजे गए।
गोल्डी लंबे समय बाद गिरफ्तार हुआ।इस मामले में बाल अपचारी पूर्व में ही बरी कर दिया गया, जबकि उसके खिलाफ दायर अपील सत्र न्यायालय में लंबित है।
वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी मनोज उर्फ चतरा को अब अपर सत्र न्यायालय ने बरी किया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने इस बात के साक्ष्य पेश किए कि घटना के समय आरोपी गांव में नहीं था, वह एटा अपनी ड्यूटी पर था। इस साक्ष्य के आधार पर आरोपी को बरी किया गया है।
पीड़ित पक्ष ने बताया कि अपर सत्र न्यायालय के फैसले के खिलाफ अब हाईकोर्ट में अपील की गई है। बता दें कि मुख्य आरोपी चतरा पर उस समय रासुका तक की कार्रवाई की गई थी।