नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने निजी डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (personal digital and electronic devices) की जब्ती, पड़ताल और उन्हें सुरक्षित रखने पर जांच एजेंसियों (investigative agencies) के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा कि दुनिया (world has changed) बदल गई है तथा सीबीआई (CBI also chang) को भी बदलना चाहिए।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि निजता के मुद्दे पर दुनिया भर में जांच एजेंसियों के लिए नियमावली को अद्यतन किया जा रहा है। न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति ए.एस. ओका की पीठ ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की नियमावली को अद्यतन करने की जरूरत है, जो जांच के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रिया निर्धारित करती है।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, ‘दुनिया बदल गई है, सीबीआई को भी बदलना चाहिए।’ न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि उन्होंने सीबीआई की नियमावली देखी है और इसे अद्यतन करने की जरूरत है। केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा था कि कानून लागू करने और अपराध की जांच से जुड़े मुद्दों पर सभी वर्गों से सुझावलेना उपयुक्त होगा।
पंजाब में तेजी से बढ़ रहे अवैध शराब के कारोबार और नशीले पदार्थों की तस्करी पर चिंता जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि इससे ‘युवा खत्म हो जाएंगे। इसने राज्य सरकार से कहा कि वह चौकसी बरतने में विफल रहने को लेकर स्थानीय पुलिस की जवाबदेही तय करे।’ पीठ अलगी सुनवाई 12 दिसंबर को करेगी।