देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल ब्रिज तैयार, 80 की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, 15 दिसंबर तक खोले जाने की संभावना
नई दिल्ली: तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है. अब वे मंडपम से पंबन द्वीप ट्रेन से मात्र पांच मिनट में पहुंच जाएंगे. मंडपम को पंबन से जोडने वाले रेलवे ब्रिज का निर्माण पूरा हो गया है. पुराने पंबन ब्रिज के बगल में ही बनाए गया यह पुल भारत का पहला वर्टिकल रेलवे ब्रिज है. इस ब्रिज पर 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से ट्रेन दौड़ेगी. हालांकि, शुरुआत में स्पीड कम रखी जाएगी. पुराने पुल पर ट्रेन की गति केवल 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी. इतना ही नहीं बड़े समुद्री जहाजों जब इसके नीचे से गुजरेंगे तो इसके एक हिस्से को 17 मीटर तक ऊपर उठाया भी जा सकेगा. यह पुल 2.1 किलोमीटर लंबा है.
पंबन पुल को रेल यातायात के लिए 15 दिसंबर तक खोले जाने की संभावना है. पिछले दिनों ही रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने पंबन और मंडपम स्टेशनों के बीच नई ब्रॉड-गेज लाइन और नव निर्मित पंबन पुल का निरीक्षण किया था. इस दौरान वर्टिकल लिफ्ट गर्डर स्पैन का ट्रायल भी लिया गया. इसके अलावा मंडपम-पंबन रेल खंड का ट्रायल भी किया गया. इस खंड पर ट्रेन 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ी तो पंबन ब्रिज पर इसकी गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा रही. रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने इस ब्रिज में कुछ खामियां भी पाईं हैं, जिन्हें ठीक करके इस ट्रेन ऑपरेशन के लिए खोलने की मंजूरी उन्होंने दी है. शुरू में ब्रिज पर ट्रेन की स्पीड कम रखने को भी कहा गया है.
नया पुल, वर्तमान पंबन रेलवे पुल की जगह लेगा जो 104 साल पुराना है. हर साल लाखों तीर्थयात्री रामेश्वरम में विश्वप्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. नया पंबन ब्रिज पंबन और रामेश्वरम के बीच रेल यातायात को बढ़ाएगा. धनुषकोडी की यात्रा पर जाने वाले यात्री भी इस नए ब्रिज का इस्तेमाल करेंगे. नए ब्रिज पर दो रेल पटरियां बिछाईं गई हैं. पुराना ब्रिज सिंगल लाइन का है. नए ब्रिज में पिलर की गहराई 35 मीटर है. पुराने ब्रिज में एक सामान्य स्पैन 12 मीटर का है यानी दो पिलर की दूरी 12 मीटर की है जबकि नए ब्रिज में ये दूरी 18 मीटर की रखी गई है.
यह पुल इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल्ड सिस्टम से ऑपरेट होगा. ट्रेन के कंट्रोल सिस्टम से इसे जोड़ा जाएगा. 58 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यदि हवाएं चलेंगी तो ऑटोमेटिक अलर्ट सिग्नल जारी हो जाएगा और ट्रेन रूक जाएगी. यदि कोई मैनुअल तरीक़े से ट्रेन का रास्ता क्लियर भी कर देता है तब भी ट्रेन को खतरे का सिग्नल मिल जाएगा.पंबन पुल 90 डिग्री के कोण पर ऊपर की ओर खुलेगा. इसका 72.5 मीटर का हिस्सा(स्पैन) अपने दोनों तरफ़ लगी लिफ़्टों के माध्यम से ऊपर की ओर इतना उठ जाएगा कि उसके नीचे से समुद्री जहाज गुज़र सकेंगे.