अदालत ने कहा: संजय राउत की गिरफ्तारी अवैध, पूछा- मुख्य आरोपी वधावन को क्यों बख्शा गया?

0 140

मुंबई. मुंबई की एक विशेष अदालत ने पात्रा चॉल पुनर्विकास से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शिवसेना सांसद संजय राउत की गिरफ्तारी को बुधवार को ‘अवैध’ और ‘निशाना बनाने’ की कार्रवाई करार दिया तथा उनकी जमानत मंजूर कर ली। इसने यह भी सवाल किया कि मामले के मुख्य आरोपी एवं रियल एस्टेट फर्म एचडीआईएल के राकेश और सारंग वधावन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कभी गिरफ्तार क्यों नहीं किया।

न्यायाधीश ने साथ ही यह भी कहा, ‘‘इतना ही नहीं, एजेंसी द्वारा म्हाडा और अन्य सरकारी विभागों के संबंधित अधिकारियों को गिरफ्तार न करने का कारण ‘‘कुछ नहीं, बल्कि तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री और (महाराष्ट्र के) तत्कालीन मुख्यमंत्री को एक संदेश देना था, जिससे उनके मन में एक भय पैदा हो सके कि वे इस कतार में अगले व्यक्ति हैं।”

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह एक आश्चर्यजनक रूप से स्वीकार किया गया तथ्य है कि एचडीआईएल के मुख्य आरोपी राकेश और सारंग वधावन को ईडी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था, जबकि उन्होंने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी।”

धनशोधन निवारण कानून से संबंधित मामलों के विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने संजय राउत और उनके सहयोगी प्रवीण राउत को जमानत दे दी। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हालांकि, मौजूदा मामले में उनकी प्रमुख भूमिका को देखते हुए भी ईडी ने गिरफ्तार नहीं किया है, जिसकी वजह ईडी ही बेहतर बता सकता है।”अदालत ने कहा कि वधावन ने अपनी भूमिका स्वीकार भी की है। अदालत ने कहा, ‘‘मूलत: आरोपों के लिए पीएमएलए की धारा 19 के तहत दोनों को गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं था और यह एक नागरिक विवाद के अलावा और कुछ नहीं है।”

पीएमएलए की धारा 19 संबंधित सरकारी अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति प्रदान करती है। न्यायाधीश ने कहा कि वधावन और उनकी फर्म एचडीआईएल ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि उनके गड़बड़ियों के कारण देरी हुई थी और उच्च न्यायालय ने इसे स्वीकार भी किया था और ईडी ने इस सब की अनदेखी की है।

अदालत ने कहा कि संजय राउत ने ईडी के सामने पेश होने के लिए समय मांगा था, लेकिन यह उन्हें गिरफ्तार करने का कारण नहीं हो सकता। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए मेरा दृढ़ मत है कि पीएमएल अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक योग्यता के बिना दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी मूल रूप से अवैध है।”

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.