दुनिया में बढ़ता जा रहा कुपोषण का खतरा, देश में लाखों बच्चों की जान खतरे में, अलर्ट जारी

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न्यूयॉर्क: दुनिया में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. चीन, उत्तर कोरिया, फ्रांस समेत कई देशों में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस बीच कई देशों में कुपोषण का खतरा भी बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कुपोषित बच्चों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. यूनिसेफ के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना वायरस और जलवायु परिवर्तन के कारण कुपोषित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दुनिया भर में फैले वैश्विक खाद्य संकट के कारण लाखों बच्चे मर रहे हैं।

यूनिसेफ के अनुसार कुपोषित बच्चों की जान बचाने से उनके इलाज का खर्च 16 फीसदी तक बढ़ सकता है। इतना ही नहीं रेडी टू यूज थैरेप्यूटिक फूड (आरयूटीएफ) के लिए जरूरी कच्चे माल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से बच्चों की जान बचाने पर भी असर पड़ सकता है।

यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनिसेफ कुपोषित बच्चों को विशेष भोजन का पैकेट देता है। इसमें मूंगफली, तेल और चीनी जैसे बच्चों के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इस विशेष भोजन पैकेट के एक डिब्बे में 150 पैकेट होते हैं। ये गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए काफी स्वस्थ हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पहले इस खाने के पैकेट की कीमत 3100 रुपये थी। लेकिन दुनिया भर में चल रहे खाद्य संकट के चलते इसकी कीमत में 16 फीसदी तक का उछाल आया है।

भारत में कुपोषण का खतरा काफी बढ़ गया है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 6 से 23 महीने की उम्र के लगभग 89 प्रतिशत बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है। साल 2021 में एक RTI में पता चला कि भारत में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं। ऐसे में इन दिनों चल रहे वैश्विक खाद्य संकट से भारत के लाखों बच्चों की जान भी खतरे में पड़ सकती है.

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