हिमाचल में बज चुका बिगुल, गुजरात चुनाव की तारीखों का नहीं हुआ ऐलान, मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताई ये वजह

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में चुनाव का बिगुल बज चुका है। भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त्त के अध्यक्षता में दिल्ली के विज्ञान भवन में पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव का ऐलान किया गया। बता दें कि राज्य की 68 विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव एक ही चरण में 12 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि वोटों की गणना 8 दिसंबर को होगी। हालांकि माना जा रहा था कि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद गुजरात के विधानसभा चुनाव का ऐलान हो। गुजरात के चुनाव तारीख के ऐलान ना होने के वजह से चुनाव आयोग ने अपने पीसी में कहा कि कोई भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खबर मिलते ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। ऐसा माना जा रहा था कि हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा का चुनाव की तारीखों का ऐलान साथ ही में होगा। बता दें कि जब दो राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल छह महीने के अंदर खत्म होने वाली होती है तो चुनाव एक साथ होते है और राज्यों के नतीजे भी एक साथ ही घोषित कर दिए जाते हैं। मीडिया के द्वारा गुजरात चुनाव के तारीखों पर सवाल किया गया तो चुनाव अध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त्त राजीव कुमार ने कहा कि दोनों राज्यों के विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में 40 दिन का अंतर है। नियम के मुताबिक, कम से कम 30 दिन का हो ताकि एक के परिणाम का असर दूसरे पर न हो।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लेकर कहा कि मौसम जैसे तमाम कारण है। जिसकी वजह हम बर्फबारी से पहले हिमाचल में चुनाव चाहते हैं। राजीव कुमार ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने इस विषय पर सभी पार्टी के नेताओं से सलाह मशविरा के बाद ही निर्णय लिया गया है। चुनाव आयोग की ओर से बताया गया कि आचार संहिता की जो अवधि रही उसे 70 दिन से घटाकर 57 दिन कर दी गई है। गौरतलब है कि 2017 के चुनाव में दोनों राज्यों के चुनाव की तारीख का ऐलान एक ही दिन किया गया था। दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर महीने में हुआ था और इनके परिणाम एक साथ ही घोषित हुए थे।

वैसे तो हिमाचल और गुजरात में चुनाव को लेकर तारीखों में कभी बदलाव तो कभी साथ होते रहे हैं, लेकिन दोनों राज्यों का परिणाम एकसाथ ही घोषित होते रहे हैं। अगर पिछली बार के रिकॉर्ड के लिहाज से देखें तो 2012 और 2017 में दोनों राज्यों के नतीजे एकसाथ ही आए थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी दोनों राज्यों के नतीजे साथ में ही घोषित कर दिए जाए। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दीपावली के बाद गुजरात विधानसभा का चुनाव का ऐलान आयोग कर सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव 12 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच हो सकता है। हालांकि, 182 विधानसभा सीटों वाले राज्य गुजरात में दो चरणों में मतदान होने की संभावना जताई जा रही है।

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