पटना: बिहार की राजधानी पटना से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां दानापुर थाना क्षेत्र के गोला पर स्थित एक निजी नर्सिंग होम की लापरवाही से नवजात की जन्म के बाद मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक नर्सिंग होम की डॉक्टर ने घर में बैठकर वीडियो कॉल के जरिए झाड़ू लगाने वाली सफाईकर्मी के सहारे डिलीवरी कराई थी. डॉक्टर और सफाईकर्मी की लापरवाही की वजह से ही बच्चे के जन्म के बाद जान चली गई.
जानकारी के अनुसार बच्चे की नाभी काटने में लापरवाही की वजह से नवजात की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने नर्सिंग होम में खूब हंगामा किया और लापरवाही से मौत बताते हुए पुलिस को बुलाया. मौके पर पहुंची पुलिस ने नर्सिंग होम के 3 नर्सिंग स्टाफ को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जाता है कि तरकरिया बाजार के रहने वाले रविशंकर की पत्नी जुली कुमारी दानापुर थाना क्षेत्र के गोला पर स्थित हर्षित पाली नर्सिंग होम में भर्ती हुई थी. जुली गर्भवती थी, गुरुवार के दिन लेबर पेन होने के कारण उन्हें हर्षित पाली क्लीनिक में भर्ती कराया गया था.
मिली जानकारी के अनुसार नर्सिंग होम की डॉक्टर कंचन लता ने एक मोटी रकम लेने के बाद उसे अपने नर्सिंग होम में भर्ती कर लिया था. भर्ती करने के तुरंत बाद कंचन लता नर्सिंग होम में काम करने वाली सफाई कर्मी के भरोसे जूली को छोड़कर कहीं चली गई. वहीं डॉक्टर के तुरंत जाने के बाद महिला को तेज लेबर पेन हुआ और उसने नॉर्मल डिलीवरी से एक नवजात शिशु को जन्म दिया. बताया जाता है कि जिस दौरान नवजात शिशु जन्म ले रहा था, उस दौरान अस्पताल में साफ-सफाई करने वाले महिला के साथ नर्सिंग होम के स्टाफ मौजूद थे. उन्होंने तत्काल इस बात की जानकारी क्लीनिक के डॉक्टर कंचन लता को दी.
सूचना मिलते ही डॉक्टर कंचन लता ने वीडियो कॉल के जरिए सफाई कर्मी सुनीता और स्टाफ को बतलाने लगी कि बच्चा कैसे जन्म लेगा और कैसे बच्चे के नाभि की नस को काटना है. मगर सही जानकारी एवं अनुभव नहीं रहने के वजह से स्टाफ और दाई सुनीता ने नवजात के गलत नस को काट दिया. नस काटने के कुछ ही मिनट बाद बच्चे की मौत हो गई. इधर क्लीनिक के कर्मचारी बच्चे की मौत की खबर छुपाने की कोशिश में लगे रहे. लेकिन, नवजात की मौत की सूचना मिलते ही रविशंकर के परिवार में कोहराम मच गया.
वहीं मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने इसकी सूचना दानापुर थाना को दी. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस अस्पताल में मौजूद कर्मचारी रविंद्र कुमार, सुनीता और गीता को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी. नवजात मृतक के परिजनों ने बताया कि हर्ष पाली क्लीनिक के डॉक्टर कंचन लता केवल पैसा लेने के लिए गुरुवार को दोपहर क्लीनिक में आई थी. उसने पैसा लेने के बाद मरीज का हाल-चाल जानना भी उचित नहीं समझा. परिजनों ने कहा कि इस क्लीनिक में सही डॉक्टर और कर्मचारी नहीं होने के कारण नवजात पुत्र की जान चली गई है. वहीं पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.