नई दिल्ली. अगर आप खुद या आपके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी करता है तो यह खबर आपको खुश कर देगी. केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने के बाद अब बिहार कैबिनेट ने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लिया है. इसके अलावा कैबिनेट की तरफ से फैसला किया गया कि राज्य सरकार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में फैसला किया गया कि राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी. इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 38 प्रतिशत से 42 प्रतिशत हो गया है. कर्मचारियों को बढ़े हुए डीएक का फायदा 1 जनवरी 2023 से मिलेगा. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फायदा राज्य सरकार के पेंशनर्स को भी मिलेगा. कर्मचारियों को अप्रैल की सैलरी के साथ तीन महीने का डीए मिलेगा.
इस बढ़ोतरी के बाद DA में 4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उदाहरण के लिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20000 रुपये है तो पहले उसे अभी 38 प्रतिशत के हिसाब से 7600 रुपये महंगाई भत्ता मिल रहा होगा. अब 4 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद यह डीए 42 प्रतिशत यानी 8400 रुपये हो गया. यानी डीए बढ़ने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में 800 रुपये महीने का इजाफा हुआ.
इसके अलावा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हुए बदलाव के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि पहले, शिक्षकों की भर्ती पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर होती थी. नए नियम के तहत, सरकार एक आयोग के जरिये शिक्षकों की नियुक्ति करेगी. शिक्षा विभाग के सीनियर ऑफिसर ने बताया बदले गए नियमों के आधार पर अब प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी लेवल तक के शिक्षकों की नियुक्ति नए सिस्टम के आधार पर की जाएगी.
आपको बता दें आने वाले समय में बिहार में डेढ़ लाख शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. नए नियम के तहत अब संविदा के आधार पर नियुक्तियां नहीं होंगी. उन्होंने कहा संविदा पर नियुक्त शिक्षक आयोग की तरफ से आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर नियमित शिक्षक बन सकते हैं.