लखनऊ। कोरोना वायरस की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के बाद कई देशों में मंकी पॉक्स के मामलों को देखते हुए सरकार ने इस संक्रमण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. भले ही इस संक्रमण से राज्य में कोई मरीज नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से सतर्क है. जिसके तहत पीएचसी-सीएचसी के प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि मरीज के मिलने पर सतर्कता बरतते हुए तत्काल जानकारी दें. राजकीय मेडिकल कॉलेज में दस बेड का वार्ड स्थापित करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं ताकि मरीजों को तत्काल प्रभाव से भर्ती कर इलाज किया जा सके।
विभिन्न देशों में मंकीपॉक्स के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने शीर्ष अधिकारियों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंकीपॉक्स के लक्षण, उपचार आदि के बारे में आम जनता को जागरूक करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों को अपना रक्त परीक्षण करवाना चाहिए। मंकीपॉक्स को लेकर भले ही अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन राज्य में स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. राज्य में स्वास्थ्य विभाग पूरी निगरानी कर रहा है और सरकारी मेडिकल कॉलेज में दस बेड का वार्ड बनाने के निर्देश भी विभाग की ओर से दिए गए हैं.
कोरोना संक्रमण के बाद देश भर में तेजी से फैल रहे मंकी और चेचक की बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है और लक्षण व इलाज के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. संदिग्ध मरीजों के सैंपल सरकारी समेत निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पुणे स्थित लैब में भेजे जाएंगे।