रामलला की मूर्ति 18 जनवरी को गर्भगृह में होगी स्थापित, श्याम रंग की 51 इंच ऊंची होगी भगवान राम की प्रतिमा
अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक कार्यक्रम में उद्बोधन के दौरान कहा 16 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे और 18 तारीख को रामलला की मूर्ति अपने आसन पर दोपहर तक स्थापित कर दी जाएगी। मूर्ति लगभग डेढ़ टन की। पांच वर्ष के बालक को खड़े मूर्ति में स्वरूप दिया गया है। उनकी मुस्कान कोमलता और आंखों की दृष्टि पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा तीन मूर्तिकारों ने अलग-अलग पत्थरो में मूर्तियां बनाई है। उसमें से एक मूर्ति को प्रभु प्रेरणा से स्वीकार कर लिया गया है।
उन्होंने कहा सभी मूर्तियां हमारे पास रहेगी, सब का सम्मान होगा। श्यामल रूप उसकी विशेषता है। यह भी ध्यान दिया गया है कि अगर जल से या दूध से स्नान किया जाए तो पत्थर पर कोई प्रभाव न पड़े। जल का आचमन भक्ति करें तो शरीर पर उसका दुष्परिणाम भी न हो। उन्होंने बताया गर्भगृह लगभग तैयार हो गया है।
रामलला के रजत विग्रह की भी प्राण प्रतिष्ठा होगी
श्रीरामजन्म भूमि में रामलला के दो नवीन विग्रहों की एक साथ प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इनमें एक वह विग्रह होगा जिसे पाषाण खंड से बनाया गया है और दूसरा रजत का विग्रह होगा। पाषाण खंड से बने विलक्षण विग्रह के भारी वजन को ध्यान में रखते हुए उसे कर्म कुटी से सीधे राम मंदिर के गर्भगृह में ले जाया जाएगा।