शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी का मुद्दा हाईकोर्ट पहुंचा, सभी जिलों में प्रदर्शन; 29 जुलाई को लेकर किया ये ऐलान
नई दिल्ली: पूरे उत्तर प्रदेश में परिषदीय शिक्षकों के ऑनलाइन हाजिरी के विरोध के बीच हाईकोर्ट के पूर्व अधिवक्ता और 72825 भर्ती में चयनित शिक्षक अनुराग सिंह ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में याचिका की है। उनका तर्क है कि शिक्षकों की नियुक्ति जिला या ब्लॉक मुख्यालय के साथ ही सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में होती है जहां शिक्षक 40 से 100 किमी दूर से नौकरी करने आते हैं। ऐसी परिस्थिति में बिना उनकी समस्याओं का समाधान किए वेतन काटने की धमकी देकर काम नहीं कराया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि रास्ते में जाम, एक्सीडेंट, वाहन पंचर होना, रास्ता टूटा होना, रास्ता बाढ़ में बह जाना, दलदल की समस्या, शिक्षक के स्वयं या परिवार में अचानक किसी की तबियत खराब होने पर वेतन कटने के डर से शिक्षक जल्दबाजी में दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
अनुराग सिंह का कहना है कि शिक्षकों की सैकड़ों समस्याओं को न सुलझाकर उनपर जबरन ऑनलाइन हाजिरी को थोपा जा रहा है। प्रदेश सरकार से मांग की गई है कि शिक्षक संगठनों से वार्ता करके और व्यवहारिक समस्याओं का समाधान करने के बाद ही ऑनलाइन हाजिरी लागू करने पर विचार किया जाए।
शिक्षकों का सभी जिलों में प्रदर्शन
ऑनलाइन हाजिरी के खिलाफ शिक्षकों का आन्दोलन दिन-प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा है। सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने जिला मुख्यालयों पर शिक्षक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले पैदल मार्च कर प्रदर्शन किया। वहीं शिक्षकों की समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की उत्तर प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक से मुलाकात की और शिक्षकों की वाजिब मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग दुहराई।
दूसरी तरफ लगातार चाथे दिन भी शिक्षकों ने संकुल प्रभारी समेत अपने अन्य अतिरिक्त प्रभारों से इस्तीफा देने का सिलसिला जारी रखा। राजधानी लखनऊ में 14 संगठनों के संयुक्त मंच ‘शिक्षक, शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा’ ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर नारेबाजी और संगठन की मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग की। नारेबाजी करते हुए शिक्षक-शिक्षिकाओं ने ऑनलाइन हाजिरी का आदेश निरस्त किए जाने की मांग की।
संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री को संबोधित सात सूत्रीय ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। इसके बाद मार्च निकाल कर आवाज बुलंद की। मोर्चे के प्रांतीय संयोजक योगेश त्यागी, सुनील पांडेय, अनिल यादव, विजय बंधु, सन्तोष तिवारी, दिलीप चौहान, सुलोचना मौर्या ने संयुक्त रूप से बताया कि शिक्षक आनलाइन का विरोध नहीं कर रहे हैं। मीडिया में हमारी छवि कतई खराब न की जाए।
अटेवा और मोर्चे के प्रदेश संयोजक विजय कुमार बंधु ने कहा कि सरकार बगैर जमीनी हकीकत को समझे शिक्षकों पर आए दिन नए आदेश ठोक देती है। जिसका विरोध अब जरूरी हो गया है। मोर्चे के जिला संयोजक विनीत कुमार सिंह ने जब तक सरकार अध्यापकों की व्यवहारिक दिक्कतों को दूर नहीं करती ऑनलाइन हाजरी का बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार हाफ-डे सीएल और ईएल जैसी मांगों और किसी आकस्मिक स्थिति में यदि विद्यालय से जाना पड़ा, उसकी कोई व्यवस्था नहीं देती तब तक ऑनलाइन हाजिरी व्यवहारिक नहीं है।
मांगें पूरी हो तभी होगी कोई बात
शिक्षक नेताओं ने कहा कि सबसे पहले हमारी मांगों को पूरा किया जाए। पदोन्नति बीरबल की खिचड़ी हो गई है। समायोजन, अन्तर्जनपदीय/अन्त जनपदीय स्थानान्तरण हर वर्ष परछाई की तरह आती है और चली जाती है। हमारे विद्यालयों को कान्वेंट समझ कर कानून लागू किए जा रहे हैं।
सभी जिलों में प्रदर्शन का दावा
देर शाम को संयुक्त मोर्चा के कमोबेश सभी पदाधिकारियों ने बयान जारी कर दावा किया कि डिजिटल उपस्थिति के विरोध में जौनपुर, बरेली, औरैया, झांसी, फिरोजाबाद, गोण्डा, बलरामपुर, बाराबंकी, रामपुर, कन्नौज, चित्रकूट, कुशीनगर, पीलीभीत, फर्रुखाबाद, ललितपुर, हाथरस, प्रतापगढ़, इटावा सहित अन्य जिलों में भी प्रदर्शन किया
लखनऊ में 29 जुलाई को धरना-प्रदर्शन का ऐलान
संयुक्त मोर्चा के संयोजक मण्डल के सदस्यों ने ऐलान किया है कि विभाग ने अगर ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश वापस नहीं लिए तो आगामी 29 जुलाई को प्रदेश भर के शिक्षक, शिक्षा मित्र तथा अनुदेशक लखनऊ पहुंच कर स्कूल शिक्षा महानिदेशक कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।