पटना. बीएसएससी पेपर लीक कांड मामले का मास्टरमाइंड बिहार पुलिस के दारोगा का बेटा अजय कुमार माना जा रहा है. दरअसल इस बात का खुलासा मास्टरमाइंड से पूछताछ के बाद हुआ है. अजय कुमार के पिता बेतिया में एक थाने में दरोगा के पद पर तैनात हैं. अजय परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचा था और हड़बड़ी का बहाना दिखा कर वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को झांसा दिया और मोबाइल लेकर अंदर चला गया. इस बात का खुलासा आर्थिक अपराध इकाई की जांच में हुआ है. बता दें, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) द्वारा पेपर लीक होने से संबंधित सटीक जानकारी जुटाने में सबसे कारगर हथियार साबित हुआ, कर्मचारी चयन आयोग का एडवांस कोडिंग सिस्टम.
दरअसल आयोग ने इस पर सभी प्रश्न पत्रों की कोडिंग इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से कुछ खास तरीके से की थी. इसलिए जब प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर सामने आया तो बीएसएससी के अधिकारियों ने 1 घंटे में ही इस बात की जानकारी हासिल कर ली कि इस प्रश्न पत्र को किस शहर के लिए और किस सेंटर के लिए आवंटित किया गया था. थोड़ी जांच के बाद यह जानकारी पक्की हो गई कि मोतिहारी स्थित परीक्षा केंद्र शांति निकेतन जुबली स्कूल के कमरा नंबर 42 में प्रश्न पत्र का वितरण किया गया था.
आर्थिक अपराध इकाई की जांच और कार्रवाई लगातार चल रही है. टीम ने मास्टरमाइंड अजय कुमार से गहन पूछताछ की जिसके बाद कई बातें सामने आई हैं. मास्टरमाइंड ने इस बात की जानकारी दी है कि उसने खुद को पास कराने के लिए प्रश्न पत्र वायरल किया था. इसका किसी गैंग या दूसरे संस्थानों से कोई वास्ता नहीं है. सभी मामलों की जांच अभी चल रही है इसके बाद ही पूरा मामला सामने आ पाएगा. फिलहाल प्रश्नपत्र सॉल्व करने वाले आर्थिक अपराध इकाई की गिरफ्त से दूर है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है.
अब तक की जांच में यह भी बात सामने आई है कि अजय ने अपने भाई विजय के अलावा किसी दूसरे को प्रश्न पत्र नहीं भेजा था. विजय ने भी सोल्वर्स को ही इसे भेजा था. इन दोनों ने किसी गैंग को प्रश्नपत्र सप्लाई नहीं की थी. लेकिन, सॉल्वर गैंग के लोगों ने कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में इसे ट्रांसफर कर दिया था. यहीं से यब वायरल हुआ. विजय परीक्षा नहीं दे रहा था. लेकिन अपने परीक्षार्थी भाई अजय को पास कराने के लिए उसने सेटिंग की थी और कई साल्वर्स के वह टच में था.