माले: भारत से तनाव का असर मालदीव के टूरिज्म पर पड़ रहा है. चार महीने में मालदीव पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. इस बीच मालदीव ने भारतीय पर्यटकों से वहां आने की अपील की है.
मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने भारत और मालदीव के ऐतिहासिक संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि हमारी सरकार भारत के साथ मिलकर काम करना चाहती है. हमारे लोग और हमारी सरकार मालदीव आने वाले भारतीयों का गर्मजोशी से स्वागत करेंगे. मैं पर्यटन मंत्री के रूप में भारतीयों से कहना चाहता हूं कि आप मालदीव आएं. हमारी अर्थव्यवस्था दरअसल पर्यटन पर ही निर्भर है.
बता दें कि मालदीव के पर्यटन मंत्री की ये अपील ऐसे वक्त पर आई है, जब भारत के साथ उसके रिश्तों में तनाव है. पिछले साल दिसंबर में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की तस्वीरें साझा कर यहां आने की अपील की थी, तब मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी और लक्षद्वीप को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद भारतीयों ने मालदीव का बायकॉट कर दिया था.
कितने भारतीय पहुंचे मालदीव
इस बहिष्कार का नतीजा ये हुआ कि मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या तेजी से कम हुई. sun.mv की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच मालदीव आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 42 फीसदी की गिरावट आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पर्यटकों के लिए मालदीव काफी पसंदीदा जगह थी. लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या कम हो गई. पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच 42,638 भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा की. जबकि, पिछले साल इन्हीं चार महीनों में 73,785 भारतीय पर्यटक मालदीव पहुंचे थे.
क्यों कम हुई पर्यटकों की संख्या?
स्थानीय मीडिया ने भारत-मालदीव तनाव और भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट के लिए मुइज्जू सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. पिछले साल नवंबर में मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने थे. तब से ही भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव है. मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है. उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था.
सत्ता में आने के बाद मुइज्जू ने मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की वापसी का मुद्दा उठाया था. मालदीव में 88 भारतीय सैनिक थे. अब इन सैनिकों को वापस बुलाया जा रहा है.
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का अहम पड़ोसी है. इतना ही नहीं, मोदी सरकार की ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ जैसे इनिशिएटिव में भी मालदीव की अहम जगह है.