नई दिल्ली : दुनिया में विमान क्रैश होने की कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें फ्लाइट में सवार सभी लोगों की मौत हो गई हो. ऐसी ही एक घटना इतिहास के पन्नों में 8 जनवरी को लेकर भी दर्ज है. 8 जनवरी 2020 तेहरान से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट में यूक्रेन का एक विमान क्रैश हो गया, जिसमें सवाल सभी 176 लोगों की मौत हो गई. हालांकि बाद में ईरान ये स्वीकार किया कि उसने अनजाने में यूक्रेन के विमान पर दो मिसाइल दागी थीं, जिससे वह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
उस विमान में 167 यात्री और 9 चालक दल के सदस्य सवार थे. ईरानी टीवी के अनुसार विमान में 32 लोग विदेश थे. इस घटना को लेकर ईरान के विदेश मंत्री ने माफी मांगी थी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा था, “शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि अमेरिका के हमले के समय मानवीय भूल कारण यह हादसा हुआ. इस पर हम पछतावा और खेद व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिवारों से माफी मांगते हैं.”
अमेरिका ने 3 जनवरी 2020 को एयरस्ट्राइक में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था. यह हमला इराक की सरहद में किया गया था. पूरे ईरान में सुलेमानी की मौत को लेकर गुस्सा था. उस समय ईरान की सरकार ने सुलेमानी की मौत का बदला लेने की बात कही और बदले में इराक में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर रॉकेट भी दागे.
इसी बदले की आग में ईरान ने अमेरिका पर हमला करने के चक्कर में 8 जनवरी को तेहरान के पास यूक्रेन के उस यात्री विमान को ही निशाना बना दिया, जिसमें ज्यादातर यात्री ईरान के थे. ईरान पहले तो इन आरोपों को नकारता रहा, लेकिन फिर उसने अपनी गलती कबूल कर ली. इस विमान पर TOR-M1 मिसाइलें दागी गई थीं. यूक्रेनी विमान को मार गिराए जाने पर सरकार की प्रतिक्रिया के बाद मध्य तेहरान में छात्रों की भीड़ ने विरोध प्रदर्शन किया और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की मांग की थी.