नई दिल्ली: हिंदू शादियों में अक्सर दूल्हा-दुल्हन को काले कपड़े पहनने की इजाजत नहीं होती है क्योंकि हमारी मान्यता है कि काला रंग अशुभ होता है. शादियों में दुल्हन को लाल रंग का लहंगा पहनाया जाता है, जिसके बाद ही शादी होती है। दुल्हन की हर चीज में लाल रंग को ज्यादा महत्व दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुल्हन को सिर्फ लाल रंग के ही कपड़े क्यों पहनाए जाते हैं?
ज्यादातर लोग इसे अंधविश्वास नहीं मानते क्योंकि आजकल कई रंग की शादी की पोशाक फैशन में है, इसलिए आजकल दूल्हा-दुल्हन और उनके रिश्तेदार भी इस बात को अंधविश्वास मानने से बचते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ कार्य विवाह में लाल, पीले और गुलाबी रंगों को अधिक मान्यता दी जाती है क्योंकि लाल रंग सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य यह है कि लाल रंग ऊर्जा का स्रोत है।
साथ ही लाल रंग सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है। इसके विपरीत जब नीला, भूरा और काला रंग वर्जित है क्योंकि यह रंग निराशा का प्रतीक है और शुभ कार्यों में ऐसी भावनाओं की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जब मन में पहले से ही कुछ नकारात्मक विचार पैदा हो जाते हैं तो रिश्ते की बुनियाद मजबूत नहीं हो सकती। इसलिए लाल रंग को शादी में दुल्हन के लिए खास माना जाता है।