नई दिल्ली : रूस यूक्रेन युद्ध और वैश्विक बाजार में जारी अनिश्चितताओं के बीच दुनिया भर के अरबपति और समेत दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों में निवेश को प्राथिमकता दे रहे हैं। सेक्टरों में वे मुख्य रूप से ऊर्जा, संभवतः दुनिया में जारी सप्लाई की दिक्कतों को देखते हुए और नवीकरणनीय ऊर्जा स्त्रोतों को बढ़ावा देने के लिए समर्थन दे रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में जारी की गई यूबीएस बिलिनायर एंबिशंस रिपोर्ट 2022 में ये बातें सामने आईं हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि “उत्तरी अमेरिका भी अपने विशाल घरेलू बाजार और जीवंत उद्यमशीलता संस्कृति के साथ निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय क्षेत्र बना हुआ है।” जबकि बाकी दुनिया से इस मामले में अब भी आगे मुख्य भूमि चीन इन फिलहाल इस मामले में फिसलता दिख रहा है। वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद कुछ निवेशक पश्चिमी यूरोप में भी निवेश करने के इच्छुक हैं।
अलग-अलग क्षेत्रों की बात करें तो एक सर्वे के अनुसार अरबपतियों की दिलचस्पी प्रोद्योगिकी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बनी हुई है। हालांकि आगे चलकर इन उद्योगों को सार्वजनिक इक्विटी मार्केट में घटते मूल्यांकन और रुचि का सामना करना पड़ा।
स्विस बैंक यूबीएस की ओर से जारी यह आठवीं रिपोर्ट है, जिसमें अरबपतियों को शामिल किया गया है और उनके ऐतिहासिक धन सृजन, व्यापार नवाचार और प्रभाव परोपकार के युग के दौरान उनकी संपत्ति और महत्वाकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह रिपोर्ट 75 बाजारों में 2,500 से अधिक अरबपतियों पर यूबीएस एविडेंस लैब के सर्वेक्षणों, सवालों और सूचनाओं पर आधारित है।
सर्वे में 58 प्रतिशत अरबपति उत्तरदाताओं ने भारत और दक्षिण पूर्व एशिया को निवेश के लिए अपने पसंदीदा बाजार के रूप में चुना। केवल 42 प्रतिशत ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बनाया। सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत लोगों ने पैसा लगाने के लिहाज से उत्तरी अमेरिका का चुनाव किया।