दुनिया का सबसे छोटा देश, कोई लड़ाई नहीं लड़ते, फिर भी यहां के सैनिकों की करोड़ों में सैलरी

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वेटिकन सिटी : दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन सिटी को धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यह जगह सेंट पीटर बेसिलिका, सिस्टीन चैपल और वेटिकन म्यूजियम जैसी ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस छोटे से देश की सुरक्षा का जिम्मा एक खास सैन्य दल संभालता है, जिसे स्विस गार्ड कहा जाता है। खास बात है कि यह सैन्य दल कोई लड़ाई नहीं लड़ता, इसके बावजूद सैनिकों की सैलरी लाखों में हैं।

स्विस गार्ड वेटिकन सिटी का सैन्य दल है, जिसकी स्थापना खासतौर पर पोप की सुरक्षा के लिए की गई थी। यह दल केवल 150 सैनिकों का है, लेकिन उनकी निष्ठा और समर्पण अद्वितीय है। इन सैनिकों को पोप की सुरक्षा के लिए जान तक देने की शपथ दिलाई जाती है। गौरतलब है कि वेटिकन सिटी का कुल क्षेत्रफल केवल 100 एकड़ है, जहां लगभग 496 लोग रहते हैं। लेकिन यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं, जो इसे विश्व का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाते हैं।

स्विस गार्ड दुनिया की सबसे प्राचीन सैन्य यूनिट्स में से एक है। इस दल में शामिल होने के लिए 19 से 30 साल के बीच की उम्र, कम से कम 5 फुट 8 इंच की हाइट और पुरुष होना अनिवार्य है। इसके अलावा, उम्मीदवार को स्विट्जरलैंड का नागरिक और रोमन कैथोलिक होना चाहिए।

स्विस गार्ड के सैनिकों को हर महीने लगभग 1500 से 3600 यूरो वेतन मिलता है, जो भारतीय मुद्रा में 4.5 लाख रुपये तक होता है। सालाना वेतन और सुविधाओं को मिलाकर उनकी कुल कमाई लगभग 1 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। इन सैनिकों को मुफ्त आवास, टैक्स-फ्री खरीदारी, उनके बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा और 30 दिनों की सालाना छुट्टी जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।

स्विस गार्ड को पारंपरिक हाल्बर्ड हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा, उन्हें आधुनिक छोटे हथियारों का भी उपयोग करना सिखाया जाता है। उनका रंगीन और आकर्षक वर्दी डिजाइन, लाल, पीले और नीले रंगों की होती है, यह वेटिकन के इतिहास और परंपरा को दर्शाता है।

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