शेयर बाजार के माध्यम से प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को पूंजी जुटाने के लिए राज्य सरकार की पहल रंग लाने लगी
लखनऊ: शेयर बाजार के माध्यम से प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को पूंजी जुटाने के लिए राज्य सरकार की पहल रंग लाने लगी है। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) तथा भारत स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) के मध्य हुए समझौते के तहत प्रदेश से 20 नई कंपनियां एनएसई और बीएसई पर लिस्टेड हुई है।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने निर्यात प्रोत्साहन भवन में एमओयू पार्टनर संस्थाओं के साथ बैठक की और अधिक से अधिक संस्थाओं को एनएसई और बीएसई पर लिस्टेड कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष के अंदर बीएसई पर 129 करोड़ रुपये मार्केट कैपिटल की 12 कंपनियां तथा एनएसई प्लेटफार्म पर 101 करोड़ रुपये इश्यू साइज रैंज की आठ कंपनियां लिस्टेड हुई है। उन्होंने निर्देश दिये कि पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाकर एमएसएमई को स्टाक एक्सचेंज पर लिस्ट कराने का प्रयास किया जायेगा। जगह-जगह इस संबंध में वर्कशाप कराई जाये और उद्यमियों को इसमें आमंत्रित किया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 55 लाख डीमैट एकाउंट है और देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में स्थापित कंपनियों को एनएसई/बीएसई पर लिस्ट कराने को प्राथमिकता दी जायेगी। फिक्की और लघु उद्योग भारती जैसे औद्योगिक संगठनांे का एनएसई/बीएससी के साथ वर्चुअल संवाद कराया जायेगा, जिससे औद्योगिक संगठन अधिक से अधिक कंपनियों को एनएसई/बीएससी पर लिस्ट कराने के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित कर सकें।
डा0 सहगल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रानिक्स, आईटी, लॉजिस्टिक, मैन्यूफैक्चरिंग, प्लास्टिक, लेदर, एग्रो, फूड प्रोडेक्टस्, वस्त्र आदि केे क्षेत्र में कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के एनएसई एवं बीएसई पर लिस्ट होने से उनकी मार्केट कैपिटल बढ़ेगी। साथ ही व्यवासाय का विस्तार होगा और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।