भोपाल: शिक्षा न हो तो मनुष्य आदिमानव कहलाएगा. शिक्षा ही हमारे भीतर की आदिम प्रवृतियों को आधुनिक प्रवृति में तब्दील करती है. लेकिन अगर शिक्षा देनेवाला शिक्षक ही आदिम प्रवृति अपना ले तो यह ज्यादा चिंता की बात है. ऐसा ही एक मामला राजधानी भोपाल से सामने आया है. यहां पैरोट (parrot) की स्पेलिंग नहीं बताने पर एक टीचर ने हैवानियत की हदें पार कर दीं. उसने बच्ची को इतना पीटा कि बच्ची का हाथ टूट गया और उसे अस्पताल ले जाना पड़ा.
यह मामला भोपाल के हबीबगंज इलाके का है. यहां बिजली घर के पास ई-6 अरेरा कॉलोनी में भानुप्रताप सिंह कुशवाहा (25) परिवार के साथ रहते हैं. वे प्राइवेट जॉब करते हैं. उनकी बहन की 5 साल की बेटी प्रिया भी पढ़ाई के लिए उनके साथ ही रहती है. भानु ने बताया कि अगले सत्र में बच्ची का एडमिशन अच्छे स्कूल में कराना है, इसके लिए बच्ची को घर के पास ही रहनेवाले टीचर प्रयाग विश्वकर्मा के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए भेज रहे थे.
बच्ची ने बताया कि टीचर ने पैरोट की स्पेलिंग नहीं बताने पर पहले हाथ मरोड़ा, फिर गाल पर 6-7 थप्पड़ मारे. बच्ची रोती हुई घर आई. उसने घर आकर पूरी बात बताई. बच्ची के मामा भानु के मुताबिक, बच्ची दर्द में थी, लेकिन आरोपी को थोड़ी भी दया नहीं आई. इससे पहले भी वह बच्चों को बेरहमी से पीट चुका है. हालांकि, पहले कभी उसकी शिकायत नहीं की गई थी. आरोपी टीचर की उम्र 19-20 साल है. वह खुद कॉलेज में पढ़ता है. साथ ही, बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाता है.
भानु बताते हैं कि 27 दिसंबर को भी बच्ची रोजाना की तरह ट्यूशन पढ़ने गई थी. शाम करीब साढ़े चार बजे मेरी छोटी बहन रानू कुशवाहा का कॉल आया. उसने बताया कि प्रयाग ने प्रिया को बेरहमी से मारा है. चेहरे और हाथ पर चोट के निशान हैं. भानु तुरंत ही घर पहुंचे. देखा तो बच्ची दर्द से कराह रही थी. उसे तुरंत ही पास के प्राइवेट अस्पताल लेकर गए. डॉक्टर ने एक्सरे कराया इसमें उसके बाएं हाथ में फ्रैक्चर निकला.
पुलिस ने बच्ची के साथ मारपीट करनेवाले आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा-323, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा-75 तहत केस रजिस्टर्ड किया है. हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राज सिंह भदौरिया ने बताया कि दोनों धाराएं जमानती होने की वजह से उसे जमानत दे दी गई है.