नई दिल्ली : देश की शीर्ष-500 निजी कंपनियों का मूल्यांकन 2022 की तुलना में बढ़कर 2023 में 231 लाख करोड़ रुपये (Rs 231 lakh crore) पहुंच गया है। यह देश की जीडीपी का 71 फीसदी है। साथ ही, सऊदी अरब, स्विटजरलैंड और सिंगापुर की जीडीपी (GDP) से ज्यादा है।
हुरून इंडिया-एक्सिस बैंक की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष-500 कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज तीसरे साल भी शीर्ष पर है। इसका पूंजीकरण 15.65 लाख करोड़ रुपये रहा है। 12.4 लाख करोड़ के साथ टीसीएस दूसरे स्थान पर है।
विलय के बाद 10 लाख करोड़ का मूल्यांकन पार करने पर एचडीएफसी बैंक तीसरे स्थान पर है। शीर्ष-500 कंपनियों में सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध दोनों शामिल हैं। इन कंपनियों की बिक्री की वृद्धि दर 13 फीसदी बढ़कर 952 अरब डॉलर रही है। एक्सिस बैंक के एमडी अमिताभ चौधरी ने कहा, ये 500 कंपनियां 70 लाख लोगों को रोजगार देती हैं।
एचसीएल टेक और कोटक महिंद्रा बैंक शीर्ष 10 में हैं। जियो फाइनेंशियल 28वें स्थान पर है। 44 फीसदी कंपनियां सेवा क्षेत्र की हैं। 56 फीसदी भौतिक उत्पादों को बेचती हैं। 437 कंपनियों के बोर्ड में महिलाएं शामिल हैं। 179 में महिलाएं सीईओ रैंक पर हैं। 342 कंपनियों के मूल्य में वृद्धि हुई है। 18 के मूल्य में दोगुना से ज्यादा बढ़त हुई है।
सुजलॉन में 436% वृद्धि के साथ सबसे ज्यादा संपत्ति निर्माण हुआ। जिंदल स्टेनलेस और जेएसडब्ल्यू इन्फ्रा की संपत्ति पांच और चार गुना बढ़ी है। स्टार्टअप को चार लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ। सबसे अधिक गिरावट बायजू, डीलशेयर और फार्मईजी में रही।