नेशनल डेस्क: अगले पांच साल में तीन में से दो अवसर ऐसे होंगे जब दुनिया अस्थायी रूप से जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों को सीमित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत वैश्विक तापमान सीमा तक पहुंच जाएगी। यह पूर्वानुमान विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने व्यक्त किया है। वैज्ञानिकों को लगता है कि अल नीनो से गर्मी का एक अस्थायी विस्फोट कोयले, तेल और गैस के जलने से मानव-जनित गर्मी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और फिर इसमें थोड़ी कमी आएगी। साल 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
साल 2018 की संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा कि उस बिंदु से आगे जाकर अधिक मृत्यु, विनाश और वैश्विक पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान के साथ स्थिति खतरनाक रूप से अलग होगी। लेकिन जलवायु वैज्ञानिकों ने कहा कि अगले पांच वर्षों में जो होने की संभावना है वह वैश्विक लक्ष्य को विफल करने जैसा नहीं है।
WMO के महासचिव पेटेरी टालस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस रिपोर्ट का मतलब यह नहीं है कि हम पेरिस समझौते में निर्दिष्ट 1.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर को स्थायी रूप से पार कर लेंगे जो अनेक वर्षों में दीर्घकालिक गर्मी को संदर्भित करता है। डब्ल्यूएमओ की चेतावनी यह है कि हम बढ़ती आवृत्ति के साथ अस्थायी आधार पर 1.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर को पार कर लेंगे।” ब्रिटेन के मौसम विभाग में जलवायु वैज्ञानिक लियोन हर्मनसन ने कहा कि एक साल का वास्तव में कोई मतलब नहीं है। वैज्ञानिक आम तौर पर 30 साल के औसत का उपयोग करते हैं।”