दुनिया अभी सबसे चुनौतीपूर्ण दौर में, मंडरा रहा व्यापक युद्ध का खतराः UN महासचिव

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जिनेवा : विश्व निकाय के महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने आगाह किया है कि दुनिया अभी तक के सबसे चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही है और उस पर एक व्यापक युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को इस माह के अंत में एक साल पूरा होने जा रहा है।

गुटेरस ने कहा कि 2023 में दुनिया की स्थिति का सर्वेक्षण करने वाले विशेषज्ञों का दावा है कि ‘डूम्सडे क्लॉक’ में मध्य रात्रि (रात के 12 बजे) होने में अभी केवल 90 सेकंड का वक्त बचा है, जो पूर्ण वैश्विक तबाही के सबसे करीब है। ‘बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स’ के अनुसार, ‘डूम्सडे क्लॉक’ मानव निर्मित वैश्विक तबाही की आशंका को दर्शाने वाला प्रतीक है। विश्व निकाय के महासचिव ने यूक्रेन में युद्ध का जिक्र करते हुए कहा , जलवायु तबाही, बढ़ते एटमी खतरे, दुनिया के अमीरों तथा वंचित वर्ग के बीच बढ़ती खाई और भू-राजनीतिक विभाजन…वैश्विक एकजुटता व विश्वास को कम कर रहे हैं।

गुटेरस ने 193 सदस्य देशों की महासभा से निकट भविष्य में फैसले करने के अपने नजरिए को बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी कदम का कल हम पर क्या असर होगा उसे देखते हुए कार्रवाई करना गैर जिम्मेदाराना व अनैतिक है। उन्होंने कहा, दुनिया आंख बंद करके एक बड़े युद्ध की ओर नहीं बढ़ रही। बल्कि पूरी तरह स्थिति से सजग होकर उसकी ओर बढ़ रही है।

संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएनडीपी) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसक इस्लामी चरमपंथ का नया वैश्विक उपरिकेंद्र (एपिसेंटर) उप-सहारा अफ्रीका है। यहां लोग धार्मिक कारणों के बजाय आर्थिक कारकों के चलते इसमें तेजी से शामिल हो रहे हैं। मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका में धार्मिक कारणों से चरमपंथी समूहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में 57% की कमी आई है।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि इस साल ‘यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स’ (मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा) की 75वीं वर्षगांठ यह याद दिलाने वाली होनी चाहिए कि सभी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों की नींव ‘स्वतंत्रता, न्याय और शांति’ है। गुटेरस ने कहा कि आज जिस बदलाव की जरूरत है, उसकी शुरुआत शांति से होनी चाहिए। इसकी शुरुआत यूक्रेन में होनी चाहि, जहां दुर्भाग्य से शांति की संभावनाएं कम होती जा रही हैं और तनाव तथा खून-खराबे की आशंका बढ़ रही है। इनके अलावा इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष, अफगानिस्तान, अफ्रीका का साहेल क्षेत्र चिंताजनक स्थिति में हैं।

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने अपनी सेना को युद्धाभ्यास का विस्तार करने और जंग की तैयारियों को मजबूत करने का आदेश दिया है। इसे उत्तर कोरिया के बढ़ते मिसाइल एवं हथियार परीक्षण कार्यक्रम से कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच प्योंगयांग द्वारा शक्ति प्रदर्शन की एक और कवायद के रूप में देखा जा रहा है। किम ने सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के सैन्य आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सशस्त्र बलों को रक्षा विकास के क्षेत्र में एक नए चरण की शुरुआत करने के लिए ‘जीत दिलाने वाले हैरतअंगेज कारनामे’ दिखाने और ‘अतुलनीय सैन्य शक्ति’ का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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